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Himachal Assembly Session: इस साल चंबा में लगेगा पहला ग्रीन हाइड्रोजन प्लांट- बोले सीएम

• LAST UPDATED : September 22, 2023

India News (इंडिया न्यूज़), Himachal Assembly Session, Himachal: हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में इसी साल प्रदेश का पहला ग्रीन हाइड्रोजन प्लांट लगेगा। ग्रीन हाइड्रोजन के क्षेत्र में हिमाचल प्रदेश को पहला राज्य बनाया जाएगा। विधानसभा के मानसून सत्र के पांचवें दिन शुक्रवार को गगरेट से कांग्रेस विधायक चैतन्य शर्मा के ध्यानाकर्षण प्रस्ताव का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सरकार ने एक मेगावाट का इलेक्ट्रोलाइजर लगाने का भी फैसला किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जलवायु परिवर्तन पर्वतीय क्षेत्रों के लिए बड़ी चुनौती है और आपदा के लिहाज से हिमाचल को अत्यंत संवेदनशील श्रेणी में रखा गया है। इसके मद्देनजर सरकार ने राज्य स्तरीय गवर्निंग काउंसिल गठित की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन तथा इसे प्रोत्साहित करने से जलवायु परिवर्तन के खिलाफ वैश्विक प्रयासों में राज्य का महत्वपूर्ण योगदान होगा।

6 ग्रीन कॉरिडोर बनाने का किया फैसला 

सरकार ने प्रदेश में 6 ग्रीन कॉरिडोर बनाने का फैसला किया है। एचआरटीसी के बेड़े में ई-बसें जोड़ी जा रही हैं और टैक्सियों को ई-टैक्सी में बदला जा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि 2026 से पहले हिमाचल में थर्मल पॉवर से बिजली उत्पादन पूरी तरह बंद कर दिया जाएगा और 6 महीने में प्रदेश में ई-टैक्सी सेवा शुरू हो जाएगी। इससे पहले चैतन्य शर्मा ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के माध्यम से हिमाचल में जैविक ईंधन को बढ़ावा देने का मामला उठाया। उन्होंने जैविक ईंधन के दोहन के लिए युवाओं से आगे आने का आह्वान किया। मुख्यमंत्री ने प्रदेश के सबसे युवा लॉ ग्रेजुएट विधायक की ओर से उठाए गए महत्वपूर्ण मुद्दे के लिए उनकी प्रशंसा की।

दो साल में धरातल पर दिखेंगे सरकार के काम

मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार जो कार्य कर रही है, वह 2 साल के भीतर धरातल पर दिखना शुरू हो जाएंगे। हिमाचल प्रदेश चार साल में आत्मनिर्भर हो जाएगा और 10 साल में प्रदेश अन्य देश के सबसे अमीर राज्यों में होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि युवाओं को स्वरोजगार देने के लिए सरकार सोलर पावर प्लांट लगाने की पाॅलिसी लाई है। इसमें युवा अपने घर पर सोलर प्लांट लगा सकेंगे। सीएम ने यह जानकारी नियम-130 के तहत भाजपा के विधायक जेआर कटवाल की ओर से लाए गए प्रस्ताव के जवाब में दी। सोलर पावर प्लांट लगाने के लिए 40 फीसदी सब्सिडी सरकार दे रही है, जबकि इनमें बनने वाली बिजली भी सरकार 25 साल तक खरीदेगी। 6 साल में यह प्रोजेक्ट में फ्री हो जाएगा।

घरों के ऊपर से गुजरने वाली लाइनों को बदलने का प्रावधान  

सीएम ने कहा कि लोगों के घरों के ऊपर से गुजरने वाली लाइनों को बदलने के लिए कोई भी प्रावधान नहीं है। अगर किसी ने बिजली की लाइन और खंभा बदलवाना है तो इसकी लागत संबंधित व्यक्ति को देनी होगी। उन्होंने कहा कि अगर कोई युवक 15 बीघा जमीन पर 1 मेगावाट का सोलर प्लांट लगाता है तो इस पर 5 करोड़ का खर्चा आएगा, जिसमें 40 फीसदी सब्सिडी सरकार देगी और बाकी लोन बनेगा। इससे 60 लाख हर साल सरकार से प्लांट लगाने को आएगा, क्योंकि सरकार बिजली खरीदेगी। इसके अलावा 7 बीघा पर 30 लाख खर्चा और 4 बीघा पर 15 लाख का खर्चा आएगा। उन्होंने कहा कि सभी सोलर प्लांट 6 साल में बैंक फ्री हो जाएंगे। हांलाकि 25 साल तक बिजली सरकार द्वारा ही खरीदी जाएगी। ऐसे में सरकार सिक्योरिटी भी दे रही है।

वोल्टेज की समस्या से लोग परेशान

शिमला। नियम-130 पर लाए प्रस्ताव पर विधायक जीतराम कटवाल ने कहा कि बिजली विकास के लिए जरूरी है। लेकिन लो वोल्टेज समस्या बन रही है। उन्होंने कहा कि लो वोल्टेज होने से रोजमर्रा की मशीनें नहीं चल पातीं। लोगों के घरों के ऊपर से जाने वाले बिजली तार भी परेशानी बढ़ा रहे हैं। लोग इसे बदलवा नहीं पा रहे। इस प्रस्ताव में केवल सिंह पठानिया, राजेंद्र राणा, भवानी सिंह पठानिया, मलेंद्र राजन, त्रिलोक जम्वाल, चंद्रशेखर, सुरेश कुमार, भुवनेश्वर गौड, सुदर्शन बबलू, होशियार सिंह समेत सत्तपाल सिंह सत्ती ने भी अपने विचार रखे।

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