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Munshi Premchand Quotes: आज मुंशी प्रेमचंद की पुण्यतिथि पर जानें उनके अनमोल विचार

• LAST UPDATED : October 8, 2023

India News (इंडिया न्यूज़), Munshi Premchand Quotes: मुंशी प्रेमचंद द्वारा हिंदी साहित्य को आधुनिक रूप प्रदान किया गया है। उनके द्वारा लिखी गबन, गोदान, निर्मला, मानसरोवर, कफन आदि किताबें बहुत प्रसिद्ध है। हिंदी जैसे खूबसूत विषय पर मुंशी प्रेमचंद द्वारा अपनी अमिट छाप छोड़ी गई है। परंतु, हिंदी लेखक के साथ ही वे नाटककार, साहित्यकार, उपन्यासकार प्रतिभा के भी धनी रहे।

हिंदी के प्रसिद्ध कथाकार तथा उपन्यासकार मुंशी प्रेमचंद का जन्म 31 जुलाई 1880 को हुआ था। उनकी मृत्यु 08 अक्टूबर 1936 को हुई। आज मुंशी प्रेमचंद जी की पुण्यतिथि पर जानते हैं उनके अनमोल विचार। उनके ये विचार आज भी लोगों के लिए प्रेरणास्त्रोत का जरिया है।

“लिखते तो वह लोग हैं, जिनके अंदर कुछ दर्द है,
अनुराग है, लगन है, विचार है. जिन्होंने धन और
भोग-विलास को जीवन का लक्ष्य बना लिया,
वह क्या लिखेंगे?”

जिस प्रकार नेत्रहीन के लिए दर्पण बेकार है
उसी प्रकार बुद्धिहीन के लिए विद्या बेकार है.

विजयी व्यक्ति स्वभाव से, बहिर्मुखी होता है.
पराजय व्यक्ति को अन्तर्मुखी बनाती है.

‘मैं एक मज़दूर हूं, जिस दिन कुछ लिख न लूं,
उस दिन मुझे रोटी खाने का कोई हक नहीं.’

‘बूढ़ों के लिए अतीत के सुखों और वर्तमान के
दुःखों और भविष्य के सर्वनाश से ज्यादा
मनोरंजक और कोई प्रसंग नहीं होता.’

दौलत से आदमी को जो सम्मान मिलता है,
वह उसका नहीं, उसकी दौलत का सम्मान है.

धन खोकर यदि हम अपनी आत्मा को पा सके,
तो कोई महंगा सौदा नहीं है.

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