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Lord Ganesh Birth Story: आखिर कैसे हुई विघ्नहर्ता गणेश की उत्पत्ति, पढ़े ये पौराणिक कथा

• LAST UPDATED : October 11, 2023

India News(इंडिया न्यूज), Lord Ganesh Birth Story, Himachal: शिवपुराण के मुताबिक एक बार माता पार्वती ने स्नान से पूर्व शरीर पर हल्दी का उबटन लगाया था। इसके बाद जब उन्होंने उबटन उतारा तो उससे एक पुतला बनाया। जिसमें उन्होंने प्राण डाल दिए। इस तरह भगवान गणेश की उत्पत्ति हुई। इसके बाद माता पार्वती स्नान करने चली गई और गणपति को आदेश दिया कि तुम द्वार पर बैठ जाओ। परंतु ध्यान रखें कोई अंदर न सकेें।

कुछ ही देर बाद वहां भगवान शिव आए। उन्होंने कहा कि उन्हें पार्वती जी से मिलना है। द्वारपाल बने भगवान गणेश द्वारा उन्हें अंदर जाने से रोक दिया गया। जिसके बाद शिवगणों और भगवान गणेश के बीच भयंकर युद्ध किया लेकिन कोई भी उन्हें हरा नहीं सका फिर क्रोधित शिवजी ने अपने त्रिशूल से बालक गणेश का सिर काट डाला। जब माता पार्वती को इस बात का पता चला तो रोने लगीं और प्रलय करने का निश्चय कर लिया। इससे देवलोक भयभीत हो उठा फिर देवताओं ने उनकी स्तुति कर उन्हें शांत किया। भगवान शिव ने गरुड़ जी से कहा कि उत्तर दिशा में जाओ और जो भी मां अपने बच्चे की तरफ पीठ कर के सो रही हो उस बच्चे का सिर ले आओ। गरुड़ जी की काफी देर बाद तक ऐसा कोई नहीं मिला।

Lord Ganesh Birth Story

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अंततः एक हथिनी नजर आई। हथिनी का शरीर ऐसा होता है कि वो बच्चे की तरह मुंहकर नहीं सो सकती। तो गरुड़ जी उस शिशु हाथी का सिर काट कर ले आए।शिव ने उसे बालक के धड़ पर रखकर उसे पुनर्जीवित कर दिया। पार्वती उसे पुनः जीवित देख बहुत खुश हुई और तब समस्त देवताओं ने बालक गणेश को आशीर्वाद दिए। भगवान शिव ने उन्हें आशीर्वाद दिया कि किसी भी मांगलिक कार्य की शुरुआत अगर गणेश पूजा से होगी तो वो सफल होगा। उन्होंने गणेश को अपने समस्त गणों का अध्यक्ष घोषित करते हुए आशीर्वाद दिया कि विघ्न नाश करने में सर्वोपरि नाम गणेश का होगा। इसीलिए भगवान गणेश को विघ्नहर्ता का नाम प्राप्त हुआ।

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