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Air Quality Index: एयर क्वालिटी इंडेक्स हुआ जारी, बद्दी और कालाअंब की हवा सबसे अधिक दूषित

• LAST UPDATED : October 25, 2023

India News (इंडिया न्यूज़), Air Quality Index, Himachal:  हिमाचल प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्र बद्दी और कालाअंब की आबोहवा प्रदूषित है प्रदूषण विभाग केंद्र की तरफ एयर क्वालिटी इंडेक्स जारी किया गया है। जिसके मुताबिक यहां पर एयर क्वालिटी इंडेक्स सबसे अधिक है। अभी कुछ दिनों दिवाली आने वाली है, जब वायु प्रदूषण सबसे ज्यादा होता है। इसके सिवाय व्हाट पांवटा साहिब, बरोटीवाला, नालागढ़, ऊना तथा डमटाल संतोषजनक जोन है। एयर क्वालिटी के स्तर में शिमला सबसे अच्छा है। वहीं धर्मशाला, सुंदरनगर और परमाणु में भी वायु प्रदूषण का स्तर बेहतर है।

कितना एयर क्वालिटी इंडेक्स है बेहतर?

50 से कम एयर क्वालिटी इंडेक्स पर्यावरण के हिसाब से अच्छा माना जाता है। 51 से 100 तक संतोषजनक और 101 से 200 तक मध्यम जोन में गिना जाता है। वहीं 201 से 300 तक पूअर श्रेणी में आता है। औद्योगिक क्षेत्र के बद्दी के एयर क्वालिटी इंडेक्स 163 चल रहा है। यहां के एमपी-10, 195 और एसओटू भी 1.68 चल रहा है। वहीं कालाअंब वायु प्रदूषण के मामले में दूसरे स्थान पर है। यहां पर एयर क्वालिटी इंडेक्स 149 है। एमपी-10 भी यहां पर 164 है। जबकि एसओटू बहुत ज्यादा 6.8 है। यहां पर हवा में उड़ने वाली धूल के कण अधिक हैं। इससे लोगों को सांस लेने में दिक्कत आ सकती है।

हिमाचल के इलाकों का एयर क्वालिटी इंडेक्स

इसके अलावा ऊना में 58, डमटाल में 61, बरोटीवाला में 62, पांवटा साहिब में 74 और नालागढ़ में 54 संतोषजनक श्रेणी में है। शिमला का एयर क्वालिटी इंडेक्स सबसे कम 28, धर्मशाला का 47, सुंदरनगर का 41 और परवाणू का 36 है। पर्यावरण संरक्षण के लिए कार्य करने वाली संस्था हिम परिवेश के महासचिव बाल किशन, काला खड्ड पर्यावरण संस्था के अध्यक्ष बलजीत सिंह ने बताया कि बीबीएन में हवा के साथ-साथ जल प्रदूषण भी बढ़ गया है।

बीमारियों का करना पड़ सकता है सामना

यहां के जल स्रोत अब पीने के लायक नहीं है। बद्दी एशिया का सबसे बड़ा फार्मा हब है। यहां पर सभी प्रकार की दवाइयां बनती हैं। दवा कंपनियों में निकलने वाला वेस्ट जमीन में छोड़ दिया जाता है। जमीन में छोड़ा गया रसायन इन जल स्रोतों में मिल रहा है और आने वाले समय में यहां लोगों को भयंकर बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है।

प्रदूषण बोर्ड के वरिष्ठ अभियंता प्रवीण गुप्ता ने बताया कि वे रूटीन में सभी उद्योगों के एयर व जल प्रदूषण की जांच करते हैं। जिन उद्योगों में खामियां पाई जाती हैं उन्हें नोटिस दिए जाते हैं। अगर नोटिस के बाद भी कमियों को दूर नहीं किया जाता तो उनके बिजली कनेक्शन काट दिए जाते हैं।

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