India News(इंडिया न्यूज़), Shani Dev: शनि देव एक न्यायप्रिय देव हैं। पौराणिक और धार्मिक कथाओं के मुताबिक शनिदेव को कर्मफल दाता के रूप में जाना जाता है। मान्यता है कि मनुष्य के अच्छे बुरे कर्मों का हिसाब शनि देव ही रखते हैं। इसी कारण से शनि को न्यायाधीश कहा गया है। शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या को शनि की कष्टकारी अवस्थाओं में से एक माना गया है। शनिदेव भी तीन देवताओं को अपना आराध्य मानते हैं। इसीलिए कहते हैं जो भक्त इन 3 देवताओं की आराधना करते हैं उन्हें शनि देव कोई हानि नहीं पहुंचाते। आइए जानते हैं कौन है वो देवता।
शनिदेव को कृष्ण भक्त माना जाता है। पौराणिक कथा के अनुसार शनि देव ने भगवान श्रीकृष्ण को प्रसन्न करने के लिए मथुरा के कोसीकलां में कोकिलावन में कठोर तपस्या की। तब उनकी तपस्या से खुश हो कृष्ण जी द्वारा उनको कोयल के रुप में दर्शन दिए गए थे।
हनुमान जी के भक्तों को नहीं करते शनिदेव तंग। पौराणिक कहानियों के मुताबिक शनिदेव को जब अपनी शक्ति पर अहंकार हो गया तो उसे हनुमान जी ने ही चकनाचूर किया था। जिसके बाद शनिदेव द्वारा वचन दिया गया कि वे उनके भक्तों को परेशान नहीं करेंगे।
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