India News ( इंडिया न्यूज़ ), Patanjali: बाबा रामदेव द्वारा शुरू की गई पतंजलि की कंपनी जो की लोगों को आयुर्वेद के फायदा देने के लिए जानी जती है अकसर विवादों का विषय भी बनी रहती है। हालहीं में पतंजलि आयुर्वेद पर अपने प्रोडक्ट कोरोनिल तथा स्वसारी को लेकर यह दावा किया गया था कि इससे कोरोना के इलाज करने के लिए बनाया गया है। हालांकि पतंजलि के इस दावे के बाद कंपनी को आयुष मंत्रालय द्वारा काफी फटकार लगी। जिसके बाद इसके प्रमोशन पर भी तुरंत रोक लगाई गई।
कब-कब विवादों का विषय बना पतंजलि
- 2006- कम नेता वृंदावन द्वारा रामदेव पर अपनी दावों में इंसानों तथा जानवरों की हड्डियां मिलने का आरोप लगाया गया था। यह विवाद मीडिया में काफी बड़ा हुआ दिखाओ परंतु पतंजलि द्वारा इन आरोपों साफ इनकार कर दिया गया। उसके करीबन एक दशक बाद पश्चिम बंगाल के एक लैबोरेट्री में गुणवत्ता परीक्षण में फेल होने के कारण सी द्वारा अपने कैंटीन से पतंजलि आंवला का रस वापस कर दिया गया था।
- 2012- विदेश से जाम के काले धन के खिलाफ अभियान की शुरुआत की गई थी। रामदेव द्वारा उत्तराखंड में सत्ता में आए कांग्रेस को आधे हाथों लिया गया था। ऑफिस द्वारा योग गुरु के खिलाफ कथित टैक्स चोरी जमीन हड़पने और कथित भ्रष्टाचार के कुल 81 केस दर्ज किए गए थे। जिस पर जवाबी कार्रवाई और उनके कई केदो पर छापामारी भी हुई थी।
- 2018- इस साल बाबा रामदेव के एक समय गरीबी साथी रहे कर्मवीर द्वारा पतंजलि घी की गुण बताओ पर सवाल उठाया गया था। उनका एक ऑनलाइन फोटो को दिए गए इंटरव्यू में यह कहना था कि अगर कोई देसी गाय से शुद्ध की बनता है तो उसकी कीमत करीबन ₹1200 होगा। मनी पतंजलि का घी आज करीबन ₹100 किलो बिक रहा है। ऐसे आरोपों के 52 झूठ पतंजलि लगातार बढ़ोतरी कर रहा है।
- 2019- इस साल में बाबा रामदेव ने कहा था कि वह एक फकीर है और उन्हें देश के लिए काम करना है। उनका कहना था कि वह देश को मजबूत करने का प्रयास कर रहे हैं। इसी के साथ उन्होंने कहा कि पतंजलि को हो रहा है सभी फायदे देश के लिए हैं। का कहना था कि आज पतंजलि 8000 करोड रुपए की कंपनी बन गई है 3 साल बाद अब पतंजलि 10000 करोड रुपए से अधिक की कंपनी है।
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