India News(इंडिया न्यूज़), Article 370: जम्मू-कश्मीर में केंद्रीय सरकार की तरफ से निरस्त किए गए आर्टिकल 370 के कदम को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट आज यानी 11 दिसंबर 2023, सोमवार को अपना फैसला सुनाने वाली है।
शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार जस्टिस डिवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ फैसला सुनाने वाली है। बेंच में जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस सूर्यकांत शामिल हैं।
संसद द्वारा जिस जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम को 2019 में पारित किया गया था। उसके जरिए जम्मू-कश्मीर राज्य को दो केंद्रों में शासित किया गया था। इसे ‘जम्मू और कश्मीर’ तथा ‘लद्दाख’ में विभाजित कर दिया था। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में एक विधानसभा होगी, वहीं लद्दाख में ये नहीं होगा ये फैसला लिया गया था। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का कहना था कि पुनर्गठन से केंद्र शासित प्रदेश में विकास, पर्यटन एवं उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा।
28 अगस्त 2019 को पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस अब्दुल नजीर एवं पूर्व चीफ जस्टिस एसए बोबडे की अगुवाई वाली 3 न्यायाधीशों की बेंच ने राष्ट्रपति के आदेश की संवैधानिकता पर दलीलें सुनना शुरू किया था। 2 दिनों की बहस के बाद बेंच द्वारा मामले पर अधिक विचार करने के लिए इससे आगे संविधान पीठ के पास भेजा गया।
3 जुलाई 2023 को SC ने Article 370 को ललकारने वाली याचिकाएं CJI डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली नई संविधान पीठ को सौंप दिया गया था। जिसमें जस्टिस एसके कौल, जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस संजीव खन्ना एवं जस्टिस सूर्यकांत शामिल रहे। सिंगल पेज के नोटिफिकेशन में बताया गया की आगे के निर्देशों के लिए मामले पर सुनवाई नई संविधान पीठ द्वारा 11 जुलाई 2023 को की जाएगी।
इस मामाले की सुनवाई के लिए बनाई गई नई बेंच में पूर्व मुख्य न्यायाधीश एनवी रमण एवं जस्टिस सुभाष रेड्डी की जगह चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ एवं जस्टिस संजीव खन्ना को नियुक्त करा गया है।
CJI की अगुवाई वाली बेंच का कहना है कि सुनवााई 2 अगस्त 2023 को शुरु की गई थी। SC ने Article 370 को चुनौती दे रही 22 याचिकाओं पर सुनवाई की गई। इस सिलसिले में एक याचिकाकर्ता IAS शाह फैसल ने 20 सितंबर 2022 में अपनी याचिका वापस ली थी। फैसल ने याचिक देने का कदम अपेरैल 2022 में IAS बनने के बाद उनके संस्कृति मंत्रालय में उप सचिव नियुक्त होने के कई महीने बाद उठाया था।
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