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Brij Bhushan Singh: ‘अब उनके विरोध पर क्या मैं फांसी पर लटक जाऊं?’ पहलवानों की नाराजगी पर भड़के बृज भूषण

• LAST UPDATED : December 23, 2023

India News (इंडिया न्यूज़), Brij Bhushan Singh: वर्ल्ड फेडरेशन डे के चुनाव में संजय सिंह को जीत हासिल हुई। असल में संजय बृजभूषण शरण सिंह के करीबी माने जाते है। यही वजह है इन चुनावों के नतीजों पर पहलवानों द्वारा निराशा जताई जा रही है।अभी हाल ही में पहलवानों द्वारा प्रेस कॉन्फरेंस में बृजभूषण पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए गए थे। अब रियो ओलंपिक पदक विजेता पहलवान साक्षी मलिक द्वारा कुश्ती से सन्यास लेने का ऐलान किया गया है। वहीं बजरंग पुनिया द्वारा अपना पद्म पुरस्कार प्रधानमंत्री आवास के बाहर फुटपाथ पर छोड़ दिया गया। पहलवानों द्वारा किए जा रहे इस विरोध पर बृजभूषण शरण सिंह का जवाब सामने आया है।

‘कुश्ती पर लगा ग्रहण’

बृजभूषण सिंह ने बोला ‘कांग्रेस के गोद में बैठे इन पहलवानों के साथ देश का एक भी पहलवान नहीं अब उनके विरोध पर क्या मैं फांसी पर लटक जाऊं? देखिए कुश्ती को एक ग्रहण लगा था। 11 महीने और तीन दिनों तक यह ग्रहण रहा। चुनाव हुआ और पुरानी फेडरेशन के समर्थित प्रत्याशी यानि हमारे समर्थित प्रत्याशी संजय सिंह उर्फ बबलू को जीत मिली है।जीत भी 40 और 7 के अंतर से हुई जो कुश्ती का काम है उसको अब आगे बढ़ाना हमारा लक्ष्य है।’

‘कांग्रेस की गोद में जा बैठे है पहलवान’

साक्षी द्वारा लिए जा रहे कुश्ती से सन्यास के बारे सिंह ने कहा ‘पहलवान अगर अभी विरोध कर रहे हैं या साक्षी ने अलविदा कह दिया है कुश्ती को तो इसमें मैं क्या कर सकता हूं, इसमें हम क्या उनकी मदद करें आप बताइए!यह पहलवान जो 12 महीने से हमें गाली देने का काम कर रहे हैं और आज भी गाली दे रहे हैं उनको गाली देने का हक किसने दिया है।आज वह चुनाव पर सवाल खड़ा कर रहे हैं, सरकार पर सवाल खड़ा कर रहे हैं कांग्रेस के गोद में जाकर बैठे हैं, आज देश का कोई भी रेसलर उनके साथ नहीं है उनकी क्या मदद करें क्या हम फांसी पर लटक जाए।’

साक्षी को नहीं है इंसाफ मिलने की उम्मीद

संजय सिंह फेडरेशन के नए अध्यक्ष बने है और वे बृजभूषण शरण सिंह के काफी करीबी माने जाते है। जिस कारण संजय की जीत से पहलवान निराश है। उमका कहना है कि सिंह के करीबी के जीतने के बाद उनकी इंसाफ मिलने कीी उम्मीद खत्म हो गई है। साक्षी मलिक ने कहा, ‘हमारी (पहलवानों) लड़ाई बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ थी। हम चाहते थे कि उसका कब्जा फेडरेशन से हट जाए। सरकार से हमारी बात हुई थी कि फेडरेशन में कोई महिला अध्यक्ष हो, ताकि शोषण की शिकायतें ना आएं। सरकार ने हमारी इस मांग को स्वीकार भी किया था, लेकिन अब रिजल्ट कुछ और ही आया है, जो सबके सामने है। बृजभूषण का राइट हैंड और उसका बिजनेस पार्टनर ही फेडरेशन का अध्यक्ष बन गया है।’

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