India News(इंडिया न्यूज), Ladakh: शनिवार को लद्दाख के लेह जिले में बड़े पैमाने पर विरोध रैलियां देखी गई। स्थानीय लोगों ने अपनी चार मांगों को लेकर कंप्लीट शटडाउन किया हुआ है। इनमें लद्दाख को राज्य का दर्जा, लद्दाख को आदिवासी दर्जा देते हुए संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करना, स्थानीय लोगों के लिए नौकरी में आरक्षण और लेह और कारगिल के लिए एक-एक संसदीय सीट शामिल है।
विरोध प्रदर्शन में शामिल लोगों ने कहा कि वे केंद्रशासित प्रदेश में नौकरशाहों के एक अंतहीन शासन के तहत नहीं रह सकते हैं। वे केवल पूर्ण राज्य का दर्जा चाहते हैं, जिसमें वे शासन के लिए अपने जन प्रतिनिधियों को चुन सकें। इसी के लिए प्रदर्शन में शामिल लोगों ने क्षेत्र में कम से कम दो लोकसभा सीटें तय करने की भी मांग की है।
इस क्षेत्र में शटडाउन का आह्वान लेह एपेक्स बॉडी (LAB) और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (KDA) ने किया था। इन्होंने 23 जनवरी को केंद्रीय गृह मंत्रालय को एक ज्ञापन सौंपा था, जिसमें लद्दाख के लिए राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची के तहत दर्जा देने की मांग की गई थी। सूत्रों के मुताबिक, प्रतिनिधियों ने लद्दाख को राज्य का दर्जा प्रदान करने के लिए जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 में संशोधन के लिए एक विधेयक का मसौदा भी प्रस्तुत किया था।
सोशल मीडिया पर मौजूद वीडियो में बड़ी संख्या में लोग नारे लगाते और अपनी मांगें बताते हुए तख्तियां लेकर चल रहे हैं।
#WATCH | Leh, Ladakh: Thousands brave the freezing cold as they march demanding statehood for Ladakh and protections under the 6th Schedule of the Constitution for the Union Territory. (03.02) pic.twitter.com/gwsiGZBxXc
— ANI (@ANI) February 4, 2024
बता दें कि आर्टिकल 370 को हटाए जाने के बाद अगस्त 2019 में तत्कालीन जम्मू और कश्मीर राज्य को विभाजित कर दो केंद्रशासित प्रदेशों में बदल दिया गया था। लद्दाख को एक अलग केंद्रशासित प्रदेश बनाया गया है।
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