इंडिया न्यूज, शिमला :
Mahendra Singh Answer : हिमाचल प्रदेश की जयराम ठाकुर सरकार राज्य के आपदा राहत मैनुअल को संशोधित करने पर विचार करेगी।
राजस्व मंत्री महेंद्र सिंह गुरुवार को विधानसभा में माकपा सदस्य राकेश सिंघा द्वारा गैर सरकारी सदस्य कार्य दिवस के तहत लाए गए संकल्प पर हुई चर्चा का जवाब दे रहे थे।
राकेश सिंघा ने मंत्री के जवाब से संतुष्ट होकर अपना संकल्प वापस ले लिया। महेंद्र सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार ने आपदा राहत मैनुअल में संशोधन का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा है।
इसमें केंद्र से सभी मदों में बढ़ोतरी का आग्रह किया गया है। इसके तहत घरों के नुकसान पर दी जाने वाली मुआवजा राशि को 3 लाख किए जाने की मांग की गई है।
वहीं, भूस्खलन,, हिमस्खलन के कारण कृषि व बागवानी भूमि के नुकसान पर 75 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर और कृषि व बागवानी भूमि पर गाद आने की स्थिति में राहत के तौर पर 25 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर देने का आग्रह किया गया है।
उन्होंने माना कि आपदा राहत मैनुअल के तहत अभी तक दिया जा रहा मुआवजा पर्याप्त नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रकृति के साथ छेड़छाड़ के घातक परिणाम हो रहे हैं और प्रदेश पिछले कई सालों से लगातार प्राकृतिक आपदाओं से जूझ रहा है।
राजस्व मंत्री ने कहा कि 1 अप्रैल, 2021 से 31 जनवरी, 2022 तक प्रदेश में प्राकृतिक आपदाओं से 1,824.90 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।
इसमें से 1,151.70 करोड़ रुपए का नुकसान अकेले मानसून के दौरान हुआ। उन्होंने कहा कि नुकसान की विस्तृत रिपोर्ट केंद्रीय गृह मंत्रालय को अतिरिक्त केंद्रीय सहायता के लिए भेजी गई है।
इस रिपोर्ट की पुष्टि के लिए केंद्रीय दल ने प्रदेश का दौरा कर नुकसान का आंकलन किया है। उन्होंने कहा कि जैसे ही केंद्र सरकार से अतिरिक्त सहायता राशि प्राप्त होगी, उसे नुकसान को देखते हुए वितरित किया जाएगा।
उन्होंने यह भी कहा कि कोरोना महामारी के कारण अभी तक केंद्र सरकार ने किसी भी सहायता मद में कोई बढ़ोतरी नहीं की है और नए दिशा-निर्देशों में सभी मदों में राहत राशि बढ़ने की संभावना है।
महेंद्र सिंह ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में एसडीआरएमएफ में 454 करोड़ रुपए प्राप्त हुए हैं। इनमें से 91 करोड़ रुपए नवीनीकरण के लिए निर्धारित किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि इस राशि में से 363 करोड़ रुपए कोविड कार्यों पर खर्च किए जाने प्रस्तावित थे। इस राशि में से अभी तक 281 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य में कोरोना के कारण मारे गए लोगों के परिजनों को मुआवजा देने के लिए अभी तक 21 करोड़ रुपए सरकार ने जिलाधीशों को जारी किए हैं।
कांग्रेस सदस्य जगत सिंह नेगी ने कहा कि किसान मौसम पर निर्भर रहता है और प्रतिकूल मौसम के कारण किसानों को भारी नुकसान हो रहा है।
उन्होंने कहा कि ऐसे में किसानों को राहत दी जानी आवश्यक हो गया है। उन्होंने कहा कि फसल बीमा योजना का कोई लाभ किसानों को नहीं मिल रहा है और सारा लाभ बीमा कंपनियों को हो रहा है।
नेगी ने कहा कि किन्नौर जिले में असमय बर्फबारी के कारण सेब की फसल को बहुत नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि बागवानों को राहत नहीं मिली।
सेब के पौधों पर फूल के समय बर्फ गिरी और फसल खराब हो गई। कांग्रेस सदस्य रोहित ठाकुर, मोहन लाल ब्राक्टा, राम लाल ठाकुर और नंद लाल ने भी संकल्प पर हुई चर्चा में हिस्सा लिया। Mahendra Singh Answer
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