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Alleged Irregularities in IIIT Una विधानसभा में गूंजा आईआईआईटी ऊना में कथित गड़बड़ियों का मामला

• LAST UPDATED : March 11, 2022

Alleged Irregularities in IIIT Una विधानसभा में गूंजा आईआईआईटी ऊना में कथित गड़बड़ियों का मामला

  • मुकेश अग्निहोत्री ने की आईआईआईटी में भ्रष्टाचार की जांच की मांग
  • आशा कुमारी का तंज- बीमार हो गया है शिक्षा विभाग
  • हर्षवर्धन ने प्रदेश विश्वविद्यालय में एक विचारधारा के लोगों की नियुक्तियों का लगाया आरोप
  • विश्वविद्यालय से निष्कासित 3 विद्यार्थियों की बहाली का मुद्दा भी गूंजा

लोकिन्दर बेक्टा, शिमला :

हिमाचल प्रदेश विधानसभा में शुक्रवार को विपक्ष ने शिक्षा विभाग को लेकर लाए गए कटौती प्रस्तावों के दौरान सरकार पर जोरदार हमले बोले और शिक्षा विभाग के बीमार विभाग बन जाने का आरोप लगाया।

नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने जहां ऊना स्थित आईआईआईटी में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए इसकी उच्च स्तरीय जांच की मांग की, वहीं विधायक हर्षवर्धन चौहान ने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में एक विचारधारा से जुड़े लोगों की शिक्षकों के पदों पर नियुक्तियों का आरोप लगाया।

निष्पक्ष जांच की मांग (Alleged Irregularities in IIIT Una)

नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कटौती प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान आईआईआईटी में कथित भ्रष्टाचार का मामला जोर-शोर से उठाया और सरकार से मामले की तह तक जाने के लिए निष्पक्ष जांच की मांग की।

उन्होंने कहा कि इस संस्थान के निदेशक बड़े पैमाने पर निजी परिसर किराए में लेकर पैसे की बर्बादी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि निदेशक ने हरोली और रोपड़ में 2 निजी परिसर किराए पर लेकर लाखों रुपए खर्च कर डाले।

यही नहीं, रजिस्ट्रार की भी संस्थान में मनमर्जी से नियुक्ति कर दी है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के प्रदेश में स्थापित इन संस्थानों पर नजर रखने के लिए प्रदेश सरकार तुरंत व्यवस्था बनाए ताकि यहां हो रही लूट पर अंकुश लगाया जा सके।

आईआईआईटी में पिछले दरवाजे से भर्तियां (Alleged Irregularities in IIIT Una)

अग्निहोत्री ने कहा कि आईआईआईटी में पिछले दरवाजे से भर्तियां हो रही हैं और इनमें हिमाचलियों को पूरी तरह से नजरअंदाज किया गया है।

यही नहीं, संस्थान में अतिथि शिक्षक भी बाहरी राज्यों से रखे जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि ये संस्थान नियमों के तहत चलने चाहिएं क्योंकि इन संस्थानों में हिमाचल की मैचिंग ग्रांट लगी हुई है।

उन्होंने प्रदेश में 3 निजी विश्वविद्यालयों द्वारा फर्जी डिग्रियां बेचने का मामला भी उठाया और कहा कि इनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए क्योंकि इन विश्वविद्यालयों के कारण हिमाचल की साख पर बट्टा लगा है।

उन्होंने मेधावी विद्यार्थियों को लैपटाप देने में हुई देर का मामला भी उठाया और पूछा कि इस देर के लिए जिम्मेदार मंडी का निहाल कौन है।

शिक्षा विभाग बीमार (Alleged Irregularities in IIIT Una)

कांग्रेस सदस्य आशा कुमारी ने कहा कि शिक्षा विभाग बीमार विभाग हो गया है। शिक्षा विभाग में बीमारी का स्तर दिनोंदिन गिर रहा है।

उन्होंने कहा कि कोरोना के बीच सरकारी स्कूलों में ओनलाइन पढ़ाई नहीं हुई। उन्होंने कहा कि 2-3 सालों में शिक्षा का स्तर बहुत गिरा है।

उन्होंने पूछा कि शिक्षा में गुणवत्ता का सुधार लाने को क्या कदम उठाए जा रहे हैं। साथ ही शिक्षा विभाग में पदों के युक्तिकरण को क्या कदम उठाए हैं।

उन्होंने कहा कि शिक्षकों की पहली नियुक्ति को जनजातीय और कठिन भौगोलिक एरिया में लगाने को नीति बनाई जाए। आशा कुमारी ने कहा कि राज्य में स्कूल व कालेज बहुत खुल गए हैं और इसके लिए विभाग मैपिंग कर देखना चाहिए कि कहां पर क्या-क्या जरूरत है।

उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में चोर दरवाजे से नियुक्ति की जा रही हैं। उन्होंने विश्वविद्यालय में लाइब्रेरी खुलवाने की मांग कर रहे बच्चों को विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा निष्कासित करने पर भी कड़ा एतराज जताया और उन्हें बहाल करने की मांग की।

गिर रही हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय की ग्रेडिंग (Alleged Irregularities in IIIT Una)

कांग्रेस सदस्य हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय की ग्रेडिंग गिर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि कुलपति केवल एक ही विचारधारा के लोगों की भर्ती कर रहे हैं और मेरिट को नजरअंदाज किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि सलेक्शन कमेटी में रिटायर्ड शिक्षकों को बुलाया जा रहा है और वे एक खास विचारधारा के हैं। उन्होंने ओल्ड पेंशन की मांग करने आए कर्मचारियों पर मामले दर्ज करने का भी कड़ा विरोध किया।

उन्होंने कहा कि 131 कालेजों में से 65 में ही प्रिंसिपल हैं और बाकी खाली हैं। उन्होंने कहा कि हार्ड एरिया में शिक्षकों की भर्ती प्राथमिकता पर की जाए।

शिक्षा का गिरता स्तर चिंताजनक (Alleged Irregularities in IIIT Una)

कांग्रेस सदस्य नंद लाल ने कहा कि शिक्षा के गिरते स्तर पर चिंता जताई और इसमें सुधार की मांग की। उन्होंने कहा कि प्लानिंग की बैठक में स्कूलों को डाला जाता है लेकिन खेद की बात है कि आज 4 साल बाद भी स्कूलों की रिपेयर नहीं की जा रही है।

स्कूलों को दिए फंड में भ्रष्टाचार (Alleged Irregularities in IIIT Una)

विधायक इंद्रदत्त लखनपाल ने स्कूलों को दिए गए फंड में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए। उन्होंने संस्कृत पढ़ रहे बच्चों को उचित नीति बनाने और एनटीटी शिक्षकों की भर्ती तुरंत करने की भी मांग की।

अर्की कालेज में स्टाफ नहीं (Alleged Irregularities in IIIT Una)

विधायक संजय अवस्थी ने कहा कि अर्की कालेज को सेंटर आफ एक्सीलेंस देने के बावजूद यहां पर स्टाफ नहीं है। यहां तक कि कालेज में प्रिंसिपल भी नहीं है। इस कारण कालेज में विकास कार्य नहीं हो पा रहे हैं।

शिक्षकों के खाली पदों का मुद्दा उठाया (Alleged Irregularities in IIIT Una)

माकपा सदस्य राकेश सिंघा ने वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल कांगल और बड़ागांव में शिक्षकों के खाली पदों का मुद्दा उठाया और कहा कि जब सरकार के पास शिक्षक ही नहीं हैं तो फिर सरकार को ताला लगा देना चाहिए।

सरकारी स्कूलों पर चिंतन जरूरी (Alleged Irregularities in IIIT Una)

कांग्रेस सदस्य जगत सिंह नेगी ने कहा कि प्रदेश में सरकारी स्कूल खुले हैं मगर उनको सही तरह से नहीं चलाया जा रहा। आज बच्चे सरकारी स्कूलों को क्यों छोड़ रहे हैं, इस पर चिंतन करना जरूरी है।

आईआईआईटी ऊना में गड़बड़ियों की होगी जांच: शिक्षा मंत्री (Alleged Irregularities in IIIT Una)

हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले के सलोह में स्थित आईआईआईटी में हुई कथित गड़बड़ियों की प्रदेश सरकार जांच करवाएगी।

यह ऐलान शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर ने शुक्रवार को विधानसभा में विपक्ष द्वारा शिक्षा विभाग को लेकर लाए गए कटौती प्रस्तावों पर हुई चर्चा के जवाब में किया।

उन्होंने यह भी दावा किया कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत प्रदेश में 4,487 स्कूलों में प्री-प्राइमरी कक्षाएं शुरू होने से सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है।

शिक्षा मंत्री के जवाब के बावजूद विपक्ष ने अपने-अपने कटौती प्रस्ताव वापस नहीं लिए जिस पर सदन में इन कटौती प्रस्तावों को ध्वनिमत से अस्वीकार कर दिया।

शिक्षा मंत्री ने कहा कि आईआईआईटी ऊना के निदेशक द्वारा अपने परिसर होने के बावजूद बाहर के परिसर किराए पर लेने, इस पर हर माह लाखों रुपए खर्च करने तथा संस्थान में बाहरी लोगों की नियुक्तियों की प्रदेश सरकार जांच करवाएगी।

इस जांच की रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेजी जाएगी ताकि निर्देश के बाद कार्रवाई की जा सके। उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों के हित ऐसे संस्थान में सुरक्षित होने चाहिएं।

उन्होंने कहा कि इस साल प्रदेश का शिक्षा क्षेत्र का बजट 12 हजार करोड़ रुपए का है जोकि कुल बजट का 16 फीसदी है। उन्होंने कहा कि 9,886 लैपटाप वर्ष 2018-19 के मेधावी बच्चों को दे दिए गए हैं।

अभी वर्ष 2019-20 के बाद के मेधावी बच्चों को लैपटाप दिए जाने हैं और इनकी खरीद के लिए सरकार ने मंजूरी दे दी है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2021-22 से मेधावी बच्चों को लैपटाप के स्थान पर एंड्रायड फोन दिए जाएंगे।

शिक्षा मंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से अनुशासनहीनता के आरोप में निष्कासित 3 छात्रों के निष्कासन को रद करने के मुद्दे पर सरकार गंभीरता से विचार करेगी।

उन्होंने कहा कि सरकार शिक्षकों के लिए ट्रांसफर पालिसी बनाने पर गंभीरता से सोच रही है ताकि इस कार्य पर होने वाली समय की बर्बादी को रोका जा सके।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में 27 अटल आदर्श विद्यालय खोले जाने हैं जिनमें से 4 की जमीन शिक्षा विभाग के नाम हो चुकी है और इन पर कार्य जल्द शुरू हो जाएगा।

उन्होंने कोरोना काल में शिक्षकों द्वारा ओनलाइन पढ़ाई में दिए गए सहयोग के लिए उनका आभार भी जताया। उन्होंने कहा कि सरकार एसएमसी शिक्षकों को नहीं हटाएगी और इनके स्थान पर नई नियुक्तियां भी नहीं की जाएगी। Alleged Irregularities in IIIT Una

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