इंडिया न्यूज, शिमला :
Shimla Municipal Corporation elections should be on the party symbol : शिमला नगर निगम चुनावों को लेकर रोस्टर जारी होने के बाद चुनावी सरगर्मियां भी तेज होने लगी हैं।
इसे लेकर राजनीतिक दल भी अपनी कमर कस रहे हैं लेकिन कयास लगाए जा रहे हैं कि इस बार शिमला नगर निगम के चुनाव पार्टी चुनाव चिन्ह पर नहीं करवाए जाएंगे।
उधर, कांग्रेस ने ऐसी सूचनाएं सार्वजनिक होने पर सरकार से नगर निगम चुनाव पार्टी चुनाव चिन्ह पर ही करवाने की मांग की है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता नरेश चौहान ने कहा कि अभी हाल ही में सोलन, मंडी, पालमपुर और धर्मशाला नगर निगमों के चुनाव पार्टी चुनाव चिन्ह पर ही करवाए गए थे।
ऐसे में अब क्या मजबूरी आ गई है कि सरकार शिमला नगर निगम के चुनाव पार्टी चुनाव चिन्ह पर नहीं करवाना चाहती। उन्होंने कहा कि भाजपा दावा करती है कि शिमला शहर में भाजपा सरकार ने बड़ा विकास करवाया है।
यदि भाजपा ने विकास करवाया है तो नगर निगम के चुनाव पार्टी चुनाव चिन्ह पर करवाने से क्यों कतरा रही है। नरेश चौहान ने कहा कि कांग्रेस नगर निगम चुनावों को लेकर पूरी तरह से तैयार है।
कांग्रेस ने शिमला नगर निगम से संबंधित सभी कमेटियों का गठन कर दिया है और बैठकों का दौर चल रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर गठित कमेटियों की बैठकें कर रणनीति तैयार करने में जुटे हैं।
उन्होंने कहा कि पार्टी शिमला नगर निगम के लिए मेनिफेस्टो तैयार करने में जुट गई है। कांग्रेस, पूर्व मेयर व डिप्टी मेयर, पार्षद, पूर्व पार्षद सहित शहर के अन्य लोगों से सुझाव लेगी और उसी पर आधारित अपना मेनिफेस्टो तैयार करेगी।
चौहान ने कहा कि नगर निगम चुनाव को लेकर आरक्षण रोस्टर भी जारी हो गया है। कांग्रेस रोस्टर का इंतजार कर रही थी और स्थिति स्पष्ट हो गई है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस चुनाव कार्यक्रम घोषित होते ही उम्मीदवारों का चयन कर देगी और उन्हीं उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में उतारेगी जो जीतने की क्षमता रखते हों।
नरेश चौहान ने आरोप लगाया कि भाजपा शासित शिमला नगर निगम में 5 साल भाजपा पार्षदों की आपसी लड़ाई में निकल गए। नगर निगम पर काबिज होने के बाद जो-जो वादे जनता से किए थे, वे पूरे नहीं हुए।
उन्होंने कहा कि शिमला शहर में पानी, सीवरेज व सफाई की स्थिति अभी भी ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने शिमला शहर की जनता से जो वादे किए थे, अब उनका जवाब शहर की जनता को देना होगा।
चौहान ने कहा कि शिमला शहर में लोग पानी के भारी-भरकम बिलों से परेशान हैं। स्मार्ट सिटी में केवल डंगे लगाने और सड़कों को चौड़ा करने में पैसा बर्बाद कर दिया गया है।
उन्होंने कहा कि शिमला शहर की जनता काफी समझदार है और इस बार शहर की जनता विकास पर वोट करेगी। Shimla Municipal Corporation elections should be on the party symbol
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