क्या है ये नया टैक्स, जिसके नाम पर लूटी जारी रही महिलाएं
आपने इनकम टैक्स, जीएसटी के बारे में तो सुना होगा लेकिन क्या आपने कभी पिंक टैक्स के बारे में सुना है?
पिंक टैक्स पर चर्चा इंटरप्रेन्योर किरण मजूमदार शॉ के एक वीडियो को शेयर करने के बाद शुरू हुई
वीडियो में बताया जा रहा है कि महिलाओं को समान प्रोडक्ट्स के लिए पुरुषों से अधिक कीमत चुकानी पड़ती है
वीडियो में डॉ संजय अरोड़ा बता रहे हैं कि एक ही कंपनी की और एक ही साइज की लिप बाम जहां पुरुषों के लिए 165 रुपये में मिलते हैं वहीं महिलाओं का लिपबॉम 250 रुपये में बेचा जा रहा है
पिंक टैक्स के इतिहास को जानें तो यह टर्म पहली बार 1994 में यूएसए के कैलिफोर्निया में सामने आया
पिंक टैक्स जेंडर के हिसाब से वसूला जाता है ये उन प्रोडक्ट पर जो खासकर महिलाओं के लिए तैयार किए गए हों पर लगाया जाता है
ये भेदभाव आपको रेजर में भी देखने को मिलेगा। जहां मर्दों के एक रेजर के लिए 70 रुपये अदा करने होते हैं वहीं उसी कंपनी का रेजर महिलाओं के लिए 80 रुपये में उपब्ध है
ये कंपनियों की अब मार्केटिंग स्ट्रैटजी बन गई है। जिससे कंपनियां महिलाओं से ज्यादा पैसा वसूल लेती हैं जिससे उनकी कमाई कई गुना बढ़ जाती है
कंपनियों द्वारा महिलाओं से पैसा कमाने की इसी तरकीब को ही ‘पिंक टैक्स’ कहा गया है