रमेश पहाड़िया, सिरमौर/राजगढ़ :
Baba Iqbal Singh Funeral : पंथ शिरोमणि एवं प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता बाबा इकबाल सिंह किंगरा का आज उनकी कर्मभूमि में अंतिम संस्कार कर दिया गया।
सैंकड़ों लोगों ने नम आंखों ने अपने इस महान संत को अंतिम विदाई दी। उनकी शव यात्रा में सैंकड़ों लोगों ने भाग लिया। प्रशासन की ओर से जिलाधीश सिरमौर रामकुमार गौतम, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बबीता राणा भी अंतिम संस्कार में शामिल हुए।
महान संत को मुखाग्नि देवेंद्र सिंह, जगजीत सिंह व बाबा जी की एक महिला सेवादार चरणजीत ने दी। महान संत इकबाल सिंह किंगरा का 96 वर्ष की आयु में शनिवार दोपहर बाद निधन हो गया था।
उन्होंने बड़ू साहिब में अंतिम सांस ली जहां उन्होंने अपने गुरु, संत अत्तर सिंह के नक्शे-कदम पर चलते हुए मानवता की अथक सेवा की अपनी यात्रा शुरू की थी।
4 दिन पहले ही केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उन्हें पद्मश्री पुरस्कार देने की घोषणा की थी। पुरस्कार की जानकारी मिलने के बाद भी वह इसे अपने हाथों नहीं ले पाए।
अपने पूरे जीवन में शिरोमणि पंथ बाबा इकबाल सिंह ने केवल एक ही दिशा में अथक परिश्रम किया। उन्होंने ग्रामीण भारत में आधुनिक आध्यात्मिक एवं नैतिक मूल्य आधारित शिक्षा प्रदान करने का काम किया ताकि प्रत्येक ग्रामीण बच्चे को कम लागत वाली शिक्षा प्राप्त हो सके।
वर्ष 1987 में हिमाचल प्रदेश से कृषि विभाग के निदेशक पद से सेवानिवृत्त होने से पहले बाबा ने र्इंट-दर-र्इंट संगठन का निर्माण किया जो अब 129 सीबीएसई संबद्ध अंग्रेजी माध्यम के स्कूल चलाता है।
इनमें करीब 70,000 से अधिक बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं जिनमें से अधिकांश 5 ग्रामीण उत्तर भारतीय राज्यों से हैं। शहरी परिवेश से बहुत दूर ये स्कूल समाज के हाशिए के वर्गों के बच्चों को मूल्य आधारित शिक्षा पर केंद्रित हैं।
बड़ू साहिब सिरमौर में अकाल अकादमी नामक एक कमरे के स्कूल में केवल 5 छात्रों के साथ बाबा जी ने अपने पेंशन धन का उपयोग भवन के निर्माण और पहले वर्ष के लिए स्कूल का प्रबंधन करने के लिए किया था।
पहले यह सब जंगल था। अगले वर्ष आस-पास के जिलों के 70 से अधिक बच्चों ने यहां प्रवेश लिया। उस साल ट्रस्ट की मदद के लिए कई परिवार भी आगे आए।
ट्रस्ट ने इस प्रकार वर्ष 1993 में मुक्तसर में अकाल अकादमी खोली और वर्ष 1999 तक ट्रस्ट ने पूरे पंजाब में 19 अकादमियां खोल दी थीं।
अब इनकी संख्या 129 पहुंच गई है जोकि पंजाब, यूपी, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा में फैले हुए हैं। एक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में पंथ शिरोमणि बाबा इकबाल सिंह ने खुद को केवल शिक्षा क्षेत्र तक ही सीमित नहीं रखा, बल्कि वे सामुदायिक जीवन के हर पहलू में शामिल थे।
स्कूल, अस्पताल, कालेज, महिला एंपावरमेंट केंद्र, नशामुक्ति केंद्र बाबा इकबाल सिंह जी ने अपनी टीम के साथ बड़ू साहिब सिरमौर में अकाल चैरिटेबल अस्पताल की स्थापना की जोकि समाज के ग्रामीण गरीब वंचित वर्ग को निशुल्क चिकित्सा प्रदान करता है।
हर साल चिकित्सा शिविर स्थापित किए जाते हैं जहां मुंबई, दिल्ली, हरियाणा और पंजाब के प्रसिद्ध डाक्टर भाग लेते हैं और ग्रामीण गरीब लोगों को मुफ्त सर्जरी सहित मुफ्त चिकित्सा देखभाल प्रदान करते हैं। Baba Iqbal Singh Funeral
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