India News HP (इंडिया न्यूज़), Vastu Tips : वास्तु शास्त्र केवल घरों की योजना बनाने तक ही सीमित नहीं है। इसके अनुसार घर के विभिन्न क्षेत्र हमारे जीवन के अलग-अलग पहलुओं को प्रभावित करते हैं, खासकर रिश्तों को। हमारे रिश्ते घर के सोलह उपचारात्मक वास्तु क्षेत्रों से प्रभावित होता है।
इन दिशाओं से ये रिश्ते होते है प्रभावित
उदाहरण के तौर पर, पिता और ससुर से संबंध पूर्व दिशा के क्षेत्र से नियंत्रित होते हैं, जबकि मां और सास से रिश्ते उत्तर-पश्चिम क्षेत्र से प्रभावित होते हैं। इसी तरह, दक्षिण दिशा का क्षेत्र पड़ोसियों से रिश्तों को नियंत्रित करता है और दक्षिण-पूर्व दिशा घरेलू नौकरों के साथ संबंधों पर प्रभाव डालती है।
ऐसे करें उपचार (Vastu Tips)
यदि कोई विशेष रिश्ता खराब हो रहा है, तो उस दिशा के क्षेत्र में उपचारात्मक वास्तु उपचार करके स्थिति को सुधारा जा सकता है। उदाहरण के लिए, पति-पत्नी के बीच अनबन की स्थिति में शयनकक्ष को दक्षिण-पश्चिम दिशा से हटाकर किसी अन्य दिशा में स्थानांतरित किया जा सकता है।
रिश्तों में आएगा सुधार
वास्तु विशेषज्ञों के अनुसार, छोटे-छोटे उपचारात्मक बदलाव रिश्तों में सुधार ला सकते हैं और घर में शांति व सद्भाव बनाए रख सकते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि वास्तु का उद्देश्य विध्वंस या पुनर्निर्माण नहीं है, बल्कि सरल और प्रभावी समाधान देना है।
ऐसे कई मामले हैं जहां उपचारात्मक वास्तु ने समस्याओं का सफलतापूर्वक समाधान किया है। इसलिए, जब भी रिश्तों में कड़वाहट आए, तो निराश न हों बल्कि घर में मामूली समायोजन करें और उपचारात्मक वास्तु का लाभ उठाएं।
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