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Disaster Protection बगौड़ा में खुलेगा पहला एसडीआरफ

• LAST UPDATED : February 1, 2022

Disaster Protection बगौड़ा में खुलेगा पहला एसडीआरफ

  • 105 कनाल भूमि हुई एसडीआरफ के नाम
  • आपदा प्रबंधन के तहत सुविधाएं जुटाने में अग्रणी जिला बनेगा कांगड़ा : डीसी

इंडिया न्यूज, कांगड़ा/धर्मशाला :

Disaster Protection : भूगौलिक दृष्टि से राज्य का सबसे बड़ा जिला कांगड़ा आपदाओं से निपटने के लिए आधारभूत सरंचना को सुदृढ़ करने में निरंतर आगे बढ़ रहा है।

राज्य में एनडीआरफ (NDRF) पहली बटालियन कांगड़ा जिले के नुरपुर में स्थापित हुई है और अब राज्य की पहली राज्य आपदा रिलीफ फोर्स एसडीआरएफ (SDRF) बटालियन का भी कांगड़ा जिले के पालमपुर के बगौड़ा में खुलने का रास्ता भी साफ हो गया है।

बगौड़ा में 105 कनाल के करीब भूमि एसडीआरफ के लिए स्थानंतरित हो गई है, जबकि एनडीआरएफ नुरपुर बटालियन में निर्माण कार्यों के लिए 4 करोड़ 80 लाख की राशि भी स्वीकृत की गई है।

यहां पर फेब्रिकेटिड स्ट्रक्चर निर्माण के लिए रो-वे सिस्टम डिवेलेपमेंट कार्पोरेशन द्वारा खाका तैयार किया जा रहा है। इसके लिए रोप-वे डिवेलेपमेंट कार्पोरेशन को फंड उपलब्ध करवा दिए गए हैं।

इसका जल्द ही निर्माण कार्य आरंभ हो जाएगा। उपायुक्त डा. निपुण जिंदल ने कहा कि कांगड़ा जिला भूकंप की दृष्टि से संवदेनशील जोन में आता है जिसके दृष्टिगत जिले में आपदा प्रबंधन को लेकर आधारभूत सुविधाएं जुटाने के लिए दूरगामी प्लान तैयार किया गया है ताकि आपदा से होने वाले नुक्सान को कम किया जा सके।

उपायुक्त डा. निपुण जिंदल ने बताया कि प्रारंभिक चरण में स्वचालित मौसम स्टेशन कांगड़ा जिले के आवेरी, बीड़, खास, दरूग, नपोहता, कोहर खास, करनाथू तथा डंडेल में स्वचालित मौसम स्टेशन स्थापित किए गए हैं। इनके माध्यम से मौसम की पूर्व जानकारी उपलब्ध करवाई जाएगी।

उन्होंने कहा कि अगले चरण में जिले के अन्य मौसम की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्रों में भी स्वचालित मौसम स्टेशन स्थापित किए जाएंगे।

उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन में यह मौसम स्टेशन काफी कारगर साबित होंगे। किसी भी तरह की भारी बारिश, आंधी, तूफान इत्यादि के बारे में मौसम स्टेशन के उपकरणों के माध्यम से अलर्ट की सूचना जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के साथ-साथ संबंधित पंचायत प्रतिनिधियों तक भी पहुंचेगी ताकि मौसम के पूर्वानुमान के आधार पर आपदा प्रबंधन की तैयारियां की जा सकें।

उपायुक्त डा. निपुण जिंदल ने बताया कि कांगड़ा जिला प्रशासन तथा आईआईटी मंडी के बीच भूकंप, भूस्खलन जैसी प्राकृतिक खतरों से बचाव तथा मानिटरिंग के लिए कांगड़ा जिले के 10 विभिन्न स्थानों के लिए पूर्व चेतावनी प्रणाली तथा सिंथेटिक एपर्चर रडार आधारित कांगड़ा जिले का प्रोफाइल विकसित करने के लिए एमओयू हस्ताक्षरित किया गया।

उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन की दृष्टि से आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाने में कांगड़ा जिला पूरे प्रदेश का अग्रणी जिला बनकर उभरा है। Disaster Protection

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