India News HP (इंडिया न्यूज़), Himachal Weather: प्रदेशभर में मानसून की एंट्री हो चुकी है। एक ओर बारिश से लोगों को राहत मिल रही है तो वहीं दूसरी ओर तेज बारिश के कारण लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। हिमाचल प्रदेश के मंडी में भी यही हाल है। तेज बारिश के कारण यहां लोगों को आने-जाने में परेशानी हो रही है। बारिश से जिससे कई इलाके प्रभावित हुए। मंडी के कटोला में 154 MM और पंडोह में 106 MM बारिश दर्ज की गई, जिससे ब्यास नदी और सुकेती खड्ड का जलस्तर बढ़ गया।
चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे पर पंडोह के पास लैंडस्लाइड हुआ, जिसकी चपेट में सड़क किनारे खड़ा एक ट्रक भी आ गया। लैंडस्लाइड के कारण हाईवे पर यातायात एकतरफा हो गया है। पंडोह में NHAI द्वारा हाल ही में बनाया गया डंगा भी धंसने लगा है, जिससे सड़क के फिर से बंद होने का खतरा पैदा हो गया है। भारी बारिश के कारण मंडी में 62 सड़कें और 126 बिजली ट्रांसफार्मर काम करना बंद कर चुके हैं। सुजानपुर टीहरा में रात को 80 MM, गोहर में 55 MM, जोत में 54 MM, मंडी में 34.2 MM और सुंदरनगर में 30.6 MM बारिश हुई। शिमला में भी अच्छी बारिश दर्ज की गई।
इस साल जून में हिमाचल प्रदेश में पिछले 12 सालों में सबसे कम बारिश हुई है। 1 से 30 जून के बीच सामान्य से 54 फीसदी कम बारिश रिकॉर्ड की गई है। IMD के अनुसार, राज्य में आमतौर पर जून में 101.1 MM बारिश होती है, लेकिन इस बार केवल 46.2 MM बारिश रिकॉर्ड की गई है। पिछले साल जून में 121.3 MM बारिश रिकॉर्ड की गई थी। मानसून के प्रवेश के बाद, राज्य के औसत अधिकतम तापमान में सामान्य से 1.5 डिग्री सेल्सियस की कमी आई है, जिससे लोगों को राहत मिली है। कुल्लू के भुंतर का तापमान 36.4 डिग्री रहा, जबकि शिमला में 24.5 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक डॉ. सुरेंद्र पाल ने कहा कि मानसून की धीमी प्रगति के पीछे हवा के दबाव की कमी, पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता में कमी और चक्रवाती तूफान रेमल का प्रभाव शामिल है। हालांकि, अगले दो दिनों में अच्छी बारिश की उम्मीद है।
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