इंडिया न्यूज, शिमला।
Student Parent Forum : छात्र अभिभावक मंच हिमाचल प्रदेश ने निजी स्कूलों में वर्ष 2022 में फीस, वर्दी व किताबों की कीमतों में भारी बढ़ोतरी के खिलाफ उच्चतर शिक्षा निदेशालय शिमला के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया।
प्रदर्शन के बाद मंच का प्रतिनिधिमंडल संयुक्त शिक्षा निदेशक से मिला व उन्हें मांग-पत्र सौंपा। संयुक्त निदेशक ने आश्वासन दिया कि निजी स्कूलों में आम सभाएं आयोजित करने, पीटीए के गठन व वर्ष 2022 की फीस बढ़ोतरी पर रोक लगाने के लिए तुरंत आदेश जारी कर दिए जाएंगे।
इस बाबत जल्द अधिसूचना जारी होगी। प्रदर्शन में विजेंद्र मेहरा, विभीषण कालटा, मदन लाल, सोनिया सबरवाल, हिमी देवी, अंजू देवी, अमृता, रंजीव कुठियाला, बालक राम, अनिल ठाकुर, नितिश राजटा, विकास कुमार, विक्रम सिंह, चमन लाल, गुरदेव, दर्शन लाल, मनोज कुमार, अमित कुमार, संतोष, पीएस ठाकुर, पंकज शर्मा, संजय सामटा, जसबीर, विजय, हरि सिंह आदि मौजूद रहे।
मंच के संयोजक विजेंद्र मेहरा ने वर्ष 2022 में फीसों में 8 से 35 प्रतिशत फीस वृद्धि तथा ड्रेस व किताबों की कीमतों में 25 प्रतिशत तक की वृद्धि पर संयुक्त शिक्षा निदेशक से कड़ा आक्रोश जाहिर किया व इसे शिक्षा विभाग की नाकामी करार दिया।
उन्होंने फीस वृद्धि पर तुरंत पंजाब सरकार की तर्ज पर रोक लगाने की मांग की। उन्होंने फीस बढ़ोतरी पर रोक लगाने तथा शिक्षा का अधिकार कानून 2009 व हिमाचल प्रदेश निजी शिक्षण संस्थान अधिनियम, 1997 के तहत निर्मित नियम 2003 के अनुसार पीटीए गठन की मांग की।
उन्होंने 5 दिसम्बर, 2019 के उच्चतर शिक्षा निदेशालय हिमाचल प्रदेश के आदेश अनुसार तुरंत आम सभाएं आयोजित करने की मांग की। उन्होंने उच्चतर शिक्षा निदेशक से मांग की कि वह अपने आदेशों को सख्ती से लागू करवाएं ताकि निजी स्कूलों की मनमानी लूट, फीस वृद्धि व गैर कानूनी फीस वसूली पर रोक लगे।
मेहरा ने कहा कि 5 दिसम्बर, 2019 को उच्चतर शिक्षा निदेशालय ने निजी स्कूलों द्वारा अभिभावकों की आम सभा की सहमति के बगैर किसी भी प्रकार की फीस वृद्धि पर रोक लगा दी थी।
इस आदेश के अनुसार हर वर्ष फीस निर्धारण के लिए निजी स्कूलों में 15 मार्च से पूर्व आम सभाएं आयोजित होनी चाहिए थीं परंतु 15 मार्च बीतने के बावजूद अभी तक किसी भी निजी स्कूल ने आम सभा का आयोजन नहीं किया है।
इन स्कूलों ने पिछले 2 वर्षों में भी कोई आम सभाएं आयोजित नहीं की जिस कारण इन स्कूलों में 15 से 35 प्रतिशत तक की फीस बढ़ोतरी करके अभिभावकों पर भारी आर्थिक बोझ लादा गया।
इस वर्ष भी निजी स्कूल आम सभाएं आयोजित करने में आनाकानी कर रहे हैं। इससे साफ है कि निजी स्कूल शिक्षा निदेशालय के आदेश को नहीं मानना चाहते।
शिक्षा निदेशालय ने भी निजी स्कूल प्रबंधनों के दबाव में अपने ही आदेशों पर चुप्पी साध ली है। इस तरह निजी स्कूलों को मनमानी करने की एक बार पुन: इजाजत मिल गई है।
उन्होंने कहा कि इस वर्ष भी आम सभाएं आयोजित न करके निजी स्कूल मनमानी फीसें वसूलना चाहते हैं जिसे अभिभावक कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे व इसके खिलाफ आंदोलन तेज करेंगे। Student Parent Forum
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