पुराने जमाने में भी लोगों को टैक्स भरना पड़ता था? जानिए सच्चाई

22 जुलाई 2024 से संसद में बजट सत्र की शुरूआत होगी, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को लोकसभा में आम बजट पेश करेंगी

आम जनता के बीच बजट में इनकम टैक्‍स की व्यवस्था में किसी बदलाव को लेकर खासतौर पर चर्चा हो रही है

कई लोगों का सवाल रहता है कि क्या पहले के जमाने में भी आम जनता को प्रशासन को किसी तरह का टैक्स देना होता था

वैदिक काल में भी जनता से टैक्स वसूला जाता था, तब सरकार नहीं हुआ करती थी,,उस समय राजा को सारा कर (Tax ) जाता था

प्रारंभिक वैदिक काल में टैक्स को बलि कहा जाता था, इसमें हर व्यक्ति को 1/6 कृषि उपज या मवेशी (पशु) देना होता था

ऋग्वेद के मुताबिक, राजा केवल अपनी प्रजा से बलि लेने का हकदार था, जिसके बदले वो अपनी प्रजा को सुरक्षा देता था

चन्द्रगुप्त मौर्य के महामंत्री चाणक्य ने बलि शब्द का प्रयोग राज्य के राजस्व के स्रोतों में से एक के रूप में किया था