India News HP (इंडिया न्यूज़), श्रीनगर के 28 साल के दिलवर खान कुपवाड़ा में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में खुद बलिदान हो गया। तो वहीं कर्मदीन जो दिलवर के पिता है वो जहां एक ओर देश की रक्षा के लिए अपने बेटे को कुर्बान होता देख गर्व महसूस कर रहे हैं तो दूसरी ओर बेटे की जुदाई का गम भी साफ़ छलक रहा है।
श्रीनगर के कुपवाड़ा में रहने वाले दिलवर खान का आतंकियों के साथ मुठभेड़ में बलिदान हो गया। उनके गांव में दिलवर की पार्थिव शरीर पहुंचने से पहले ही दिलवर की मां का रो रोकर बुरा हाल हो चूका है। तो वहीं दिलवर का एक पांच साल का बेटा जुनैज है, जो अब अपने पिता से मिलने का इंतजार ही करता रह गया। तो वहीं, दूसरी ओर दिलवर के पिता कर्मदीन भी अपना ग़म छुपा नहीं पा रहे है।
दिलवर के पिता आगे कहते है कि मैंने दिलवर से मंगलवार शाम ही बात की और उन्होंने अपने बेटे से बस इतना ही कहा कि बेटा बस इंसान बनकर रहना और इंसानों के साथ ही रहना। आगे कहते है मेरे बेटे का बलिदान इस देश के लिए फक्र की बात है। तो वहीं गांव में दिलवर के बलिदान होने से पूरा गांव गमगीन है। लोग जहां एक ओर दिलवर के जाने से गर्व महसूस कर रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर का गम भी है।
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