India News HP (इंडिया न्यूज), प्रदेश में अब जंगलों में गल-सड़ रहे सूखे पेड़ों को अब काफी आसानी से काटा जा सकेगा। वहीं राज्य सरकार ने सूखे पेड़ों पर एसओपी जारी कर दी है। जिसकी वजह से अब वन रक्षक दो पेड़ और वन मंडल अधिकारी अपने स्तर पर 25 पेड़ काट सकेंगे। सीएम सुक्खू ने मंगलवार को इससे जुड़े संबंध में एसओपी जारी की है।
हालांकि राज्य सरकार ने पिछले साल ही जंगलों में सूख रहे पेड़ों को काटने संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए थे। इस अवधि के दौरान वन विभाग और निगम ने बीते वर्ष 15 हजार क्षतिग्रस्त पेड़ों को प्रसंस्कृत किया। इससे लकड़ी की बिक्री से राजस्व प्राप्त हुआ। इसके परिणामस्वरूप राज्य सरकार की रॉयल्टी आय मात्र डेढ़ वर्ष में 35 से बढक़र 70 करोड़ रुपए हो गई। प्रदेश सरकार ने एक रणनीतिक फैसला लेते हुए वन विभाग की निर्माण शाखा को बंद करने का निर्णय लिया। सीएम सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार ने सभी विभागों में कई बदलाव करने के फैसले लिए हैं। जिसमे वन विभाग भी शामिल है।
तो वहीं अब इस फैसले के बाद डीएफओ जंगलों में गले-सड़ेे पेड़ों को काटने और बेचने की मंजूरी दे सकते हैं। सीएम ने कहा कि अगर एफसीए में स्टेज वन की अनुमति प्राप्त होती है तो वन मंडल अधिकारी जंगलों को काटने की मंजूरी दे सकते है। तो वहीं ऐसी उम्मीद जताई जा रही है की इसका बड़ा फायदा फोरलेन के प्रोजेक्ट में भी मिलेगा। उन्होंने आगे कहा कि वन विभाग अब खुद पेड़ों को काटने की प्रक्रिया शुरू कर सकेगा और इसे ठिकाने भी लगाएगा।