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Drinking Water: पीने का पानी ही मनुष्य के लिया बन रहा खतरनाक, संयुक्त अध्ययन में हुआ खुलासा

• LAST UPDATED : August 1, 2024

India News HP (इंडिया न्यूज), Drinking Water: सरदार पटेल विश्वविद्यालय मंडी, चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी लुधियाना के बायोसाइंसेज विभाग,और अमेरिका की ऑउबर्न यूनिवर्सिटी के अध्ययन में यह खुलासा हुआ है कि पीने के पानी में मौजूद कण मनुष्य के डीएनए को भी काफी नुकसान पहुंचा सकता हैं।

डीएनए को काफी नुकसान पहुंचाएगा

सरदार पटेल विश्वविद्यालय मंडी, चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी लुधियाना के बायोसाइंसेज विभाग,और अमेरिका की ऑउबर्न यूनिवर्सिटी के अध्ययन में यह खुलासा हुआ है कि पीने के पानी में मौजूद कण मनुष्य के डीएनए को भी काफी नुकसान पहुंचा सकता हैं। तो वहीं अध्धयन में ये पाया गया है कि यह कण मनुष्य के बाल की चौड़ाई से हजारों गुणा छोटे हैं। इस नए अध्ययन में पीने के पानी में नैनो कणों की मौजूदगी और इनसे होने वाले स्वास्थ्य जोखिमों के बारे में भी ‘साइंस ऑफ द टोटल एनवायरनमेंट’ नामक पत्रिका में प्रकाशित की गयी हैं।

इसकी बढ़ती मात्रा से मनुष्य को खतरा

इस रिसर्च के मुताबिक नैनो कण रूप में बहुत ही छोटे कण होते हैं, जो मनुष्य के बाल की चौड़ाई से भी हजारों गुणा छोटे हैं। ऐसा कहा गया है की इसका उपयोग सनस्क्रीन से लेकर सौंदर्य तक और यहां तक कि जल उपचार उत्पादों में किया जा रहा है। तो वहीं पानी में इसकी बढ़ती मात्रा मनुष्य के स्वास्थ्य पर सवाल उठा रही है। तो वहीं इस रिसर्च से ये मालूम हुआ है कि सांस लेने, निगलने या त्वचा के संपर्क में आने से इन कणों से सूजन,ऑक्सीडेटिव तनाव, डीएनए की भी नुकसान पहुंचाने की क्षमता भी हो सकती है।

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