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Himachal ED Raid: हिमाचल में आयुष्मान भारत योजना से जुड़ी फाइलें गायब, भारी घोटाले की आशंका!

• LAST UPDATED : August 3, 2024

India News HP( इंडिया न्यूज ), Himachal ED Raid: ईडी ने बुधवार को कांग्रेस विधायक आरएस बाल, निजी अस्पतालों और उनके प्रमोटरों से संबंधित ठिकानों पर छापेमारी की, जिसमें मरीजों के दावों से संबंधित कई फाइलें गायब पाई गई। शुक्रवार को इस मामले में ईडी ने बताया कि आयुष्मान भारत योजना में धोखाधड़ी से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जांच के तहत की गई छापेमारी में मरीजों के दावों से संबंधित कई फाइलें गायब पाई गई और साथ ही रिकार्ड में गंभीर विसंगतियां भी थी।

सरकार और अस्पताल के आंकड़ों में भारी अंतर

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि चार बैंक लॉकर, 88 लाख रुपये नकद, 140 बैंक खाते, अचल और चल संपत्तियों के साथ खाता बही और कुछ अन्य दस्तावेज बरामद किए हैं। इसके साथ ही ईडी द्वारा आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, मुख्यमंत्री हिमाचल स्वास्थ्य देखभाल योजना (हिमकेयर) के साथ अन्य स्वास्थ्य संबंधित योजनाओं के दावों और दस्तावेजों से जुड़े मोबाइल फोन, आईपैड, हार्ड डिस्क और पेन ड्राइव समेत 16 डिजिटल डिवाइस जब्त किए गए। ईडी का दावा है कि जब्त दस्तावेजों में अस्पतालों के साथ मरीजों के दावों की जानकारी है। इसमें 23,000 मरीजों के संबंध में 21 करोड़ रुपए की संदिग्ध लेनदेन है। तलाशी के दौरान सरकार के दावों और अस्पताल की फाइलों दोनों के आंकड़ों में भारी अंतर मिला, साथ ही कुछ मरीजों से संबंधित फाइलें गायब हैं।

उपचार के नाम पर 40.68 लाख रुपए का दावा

नगरोटा विधायक बाली, कांगड़ा में बालाजी अस्पताल, फोर्टिस अस्पताल, सिटी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, सूद नर्सिंग होम, श्री हरिहर अस्पताल, नीलकंठ अस्पताल व उसके प्रमुख प्रबंधन डॉ. विजेंद्र मिन्हास, मनीष भाटिया, डॉ. प्रदीप मक्कड़, डॉ. हेमंत कुमार और डॉ. मनोज सूद से संबंधित परिसरों पर तलाशी अभियान चलाया गया था। अधिकारियों ने कहा कि बालाजी अस्पताल के प्रवर्तक शर्मा सीएम सुक्खू के करीबी सहयोगी हैं। जनवरी 2023 में श्री बांके बिहारी अस्पताल और अन्य के विरुद्ध राज्य सतर्कता और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने फर्जी आयुष्मान भारत कार्ड मामले में एफआईआर दर्ज किया था, जो अब मनी लॉन्ड्रिंग तक पहुंच गया है।

ईडी द्वारा 373 फर्जी आयुष्मान कार्ड की पहचान भी की गई जिन कार्डधारकों के उपचार के नाम पर 40.68 लाख रुपए का दावा सरकार से किया गया था। मामले में कुल 8,937 आयुष्मान भारत गोल्डन कार्ड रद्द कर दिए जा चुके हैं।

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