मुगल शासन के हर काल में हरम हुआ करता था जो उनकी अय्याशी का अड्डा था
हरम में रानियां समेत दासियां और सेविकाएं भी रहती थीं
हरम में हर किसी के जाने की इजाजत नहीं थी, यहां सिर्फ दो मर्दों को ही एंट्री मिलती थी
जिससे हरम में मौजूद रानियां और दासियां अपनी दिल की बात कहती थीं
इसमें से पहला मर्द मुगल शासक यानी राजा रहते थे जो अपनी मनपसंद रानी ते साथ वक्त गुजारते थे
वहीं दूसरा मर्द वैद हुआ करता था, जो हरम में महिलाओं की तबीयत खराब होने पर पहुंचा करता था
जहां मौजूद महिलाएं वैद से अपने दिल की बात करती थीं और उनके साथ वक्त बिताती थीं