लोकिन्दर बेक्टा, शिमला :
Development Work Stalled : हिमाचल प्रदेश में ठेकेदार सोमवार से हड़ताल पर चले गए हैं। ठेकेदारों की हड़ताल से सरकारी विकास कार्यों की रफ्तार थमने लग गई है।
अपनी मांगों को लेकर ठेकेदारों ने जिला व मंडल स्तर पर लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंताओं के कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किए और सरकार को अपनी मांगों को लेकर अधिशासी अभियंताओं के माध्यम से ज्ञापन सौंपे।
इनकी मांग है कि एक्स और डब्ल्यू फार्म की अनिवार्यता के कारण रूकी पेंमेंट को जारी किया जाए। साथ ही खनन नियमों में सरलीकरण किया जाए।
ठेकेदारों ने सरकार को चेतावनी दी कि जब तक उनकी समस्याओं व मांगों का हल नहीं हो जाता, तब तक वह कोई भी सरकारी काम नहीं करेंगे।
यही नहीं, निविदाओं में भाग न लेने का भी ठेकेदारों ने ऐलान किया है। ऐसे में सरकार द्वारा तय विकास लक्ष्यों को हासिल करना मुश्किल होगा।
इसका खामियाजा भाजपा को भुगतना पड़ सकता है। वहीं, विपक्षी कांग्रेस व माकपा भी इस मुद्दे पर सरकार को घेरने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ेंगे।
दोनों ही दल पहले ही सरकार से ठेकेदारों की मांगों पर गौर करने का आग्रह कर चुके हैं। उधर, प्रदेश में विकास कार्यों की रफ्तार रूकने से हजारों मजदूर भी रोजगार से महरूम हो गए हैं।
इस बीच, ठेकेदार वेलफेयर एसोसिएशन ने मांगों को लेकर शिमला में पीडब्ल्यूडी कार्यालय के बाहर धरना दिया और अधिशासी अभियंता को मांग पत्र सौंपा।
प्रदेश कांट्रैक्टर वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष सतीश कुमार विज ने कहा कि दीवाली के बाद से ठेकेदारों को बिलों का भुगतान नहीं किया गया है।
जीएसटी की रकम की वापसी का मामला भी लटका हुआ है। इस कारण कारण काम करना मुश्किल हो गया है। उन्होंने कहा कि सरकार से खनन नियमों में सरलीकरण की भी मांग की गई है लेकिन सरकार कोई सकारात्मक कदम नहीं उठा रही है जिससे ठेकेदारों को परेशानी हो रही है।
उनका कहना था कि एक्स और डब्ल्यू फार्म की अनिवार्यता के कारण भी ठेकेदारों को पेंमेंट नहीं हो रही है क्योंकि स्टोन क्रशरों द्वारा उन्हें ये फार्म उपलब्ध नहीं करवाए जा रहे हैं।
सतीश कुमार विज ने कहा कि ठेकेदार संगठन अपनी समस्याओं व मांगों को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर सहित अभियंता हिमाचल प्रदेश लोक निर्माण विभाग और सचिव लोक निर्माण के समक्ष रख चुके हैं लेकिन उन्हें आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला।
उन्होंने कहा कि सरकार ने यदि उनकी मांगें नहीं मानी तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा। Development Work Stalled
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