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राजधानी शिमला में जमकर बारिश और ओलावृष्टि

• LAST UPDATED : May 3, 2022

राजधानी शिमला में जमकर बारिश और ओलावृष्टि

  • दिन में छा गया अंधेरा
  • शाम को सुहावना हुआ मौसम
  • ऊपरी इलाकों में भी बारिश के साथ बरसे ओले
  • सेब और सब्जियां हुई क्षतिग्रस्त

लोकिन्दर बेक्टा, शिमला।

हिमाचल प्रदेश में लगातार चल रहे सूखे के बाद राज्य में कुछ स्थानों पर अब बारिश होनी शुरू हुई है। इससे उन इलाकों में किसानों व बागवानों को राहत मिलने लगी है जहां पर बारिश हो रही है।

 

राजधानी शिमला (capital shimla) में भी 3 दिन बाद मंगलवार को फिर अच्छी बारिश हुई। राजधानी में दोपहर बाद एकाएक मौसम (weather) के तेवर बदले और फिर जमकर बारिश हुई।

वहीं, इस दौरान ओलावृष्टि भी जमकर हुई और माल रोड (mall road shimla) के साथ-साथ शिमला-कालका हाईवे (Shimla-Kalka Highway) भी सफेद हो गया। शिमला में इस दौरान 50 मिमी बारिश रिकार्ड की गई।

प्रदेश में सूखे की स्थिति

प्रदेश में इन दिनों सूखे की स्थिति बनी है। सूखे का आलम यह है कि किसानी और बागवानी भी प्रभावित हुई है। किसानों ने कई तरह की सब्जियां लगाई हैं लेकिन सिंचाई न हो पाने के कारण इस पर सूखे की मार पड़ रही थी।

वहीं, सेब और अन्य फलों पर भी सूखे का खतरा मंडरा रहा है। कम ऊंचाई वाले इलाकों में बारिश न होने के कारण फलों की फसलें खराब होनी शुरू हो गई हैं और अब असर मध्यम ऊंचाई वाले इलाकों तक पहुंच गया है।

पिछले करीब ढाई माह से बारिश न होने के कारण जमीन में नमी भी लगातार कम हो रही है और इसका असर सेब और अन्य पौधों पर पड़ रहा है।

अब राज्य में अलग-अलग स्थानों पर बारिश का दौर शुरू हुआ है और इससे किसानों और बागवानों ने राहत की सांस ली है।

किसान-बागवान लंबे समय से बारिश का इंतजार कर रहे थे और जहां-जहां बारिश हो रही है, वहां फसलों के सूखने से राहत मिल रही है लेकिन जिन इलाकों में अभी भी बारिश नहीं हुई है, वहां पर स्थिति चिंताजनक होती जा रही है।

बारिश के बीच जोरदार ओलावृष्टि

मंगलवार को राजधानी शिमला और साथ लगते इलाकों में दिन में भी अंधेरा छा गया। बारिश के बीच जोरदार ओलावृष्टि हुई। माल रोड के साथ-साथ शहर के अन्य इलाकों में भी भारी ओलावृष्टि हुई।

ओलावृष्टि के चलते शिमला-कालका हाईवे सफेद हो गया और इससे यातायात में भी दिक्कत आने लगी। उधर, ऊपरी शिमला में भी कई स्थानों पर ओलावृष्टि हुई है।

ओलावृष्टि के कारण सेब की फसल को नुकसान पहुंचा है। साथ ही सब्जियां भी इसकी चपेट में आई हैं। सेब को ओलावृष्टि से बचाने के लिए कई स्थानों पर बागवानों ने एंटी हेलनेट्स भी लगाए हैं लेकिन जो बागवान ऐसा नहीं कर पाए हैं, उनकी फसल को अधिक नुकसान हुआ है।

ऊपरी शिमला में ठियोग, कोटखाई, रोहड़ू, रामपुर, ननखड़ी आदि समेत कई स्थानों पर ओलावृष्टि हो चुकी है और इससे फसलों को नुकसान हुआ है।

सेब और अन्य फलों की फसलें ही ऊपरी शिमला में आय का मुख्य साधन हैं और इस पर ओलों की मार से बागवानों को भारी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है।

मौसम विभाग (weather department) के मुताबिक आने वाले दिनों में कुछ स्थानों पर बुधवार को राज्य के मध्यम और अधिक ऊंचाई वाले कुछ स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है। साथ ही तेज हवा चलने और ओलावृष्टि की भी संभावना है। विभाग ने इसे लेकर येलो अलर्ट भी जारी किया है।

जंगलों में आग की घटनाएं

बारिश न होने से बनी सूखे की स्थिति और तापमान में तेजी से उछाल आने से राज्यभर में जंगलों में आग (forest fire) लगने की घटनाएं दिनोंदिन बढ़ रही हैं।

राजधानी के चारों ओर भी कई जगह वनों में आग लगी है और धुआं छाया हुआ है। अब बारिश होने से वनों की आग बुझेगी और इससे वन संपदा भी खाक होने से बचेगी।

राज्य में आने वाले दिनों में भी मौसम खराब रहने और बारिश की संभावना जताई है। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि इससे वनों में लगी आग बुझेगी। राजधानी शिमला में जमकर बारिश और ओलावृष्टि

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