इंडिया न्यूज़, शिमला
शराब (Liquor) की बिक्री पर लगने वाले सेस से अब सरकार गोसदनों के लिए 12 करोड़ रुपए वार्षिक इक्कठे करेगी। वहीं गोशालाओं के लिए वार्षिक 7.5 करोड़ रुपए ग्रांट इन एड प्रदान की जा रही है। इससे गोवंश को आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाया जाएगा। इसी वर्ष में बेसहारा पशुओं के लिए आश्रय ढूंढ लिया जाएगा।
जून के महीने तक 11.20 करोड़ रुपए की लागत से चंबा (Chamba) कांगड़ा (Kangra) और बिलासपुर (Bilaspur) में आठ गोसदन संचालित किए जाएंगे।इन गोसदनों मेंं लगभग 9000 कमजोर और वृद्ध गायों को आश्रय मिलेगा। इससे बेसहारा पशुओं की समस्या का समाधान हो जाएगा।
राज्य सरकार कांगड़ा खबल में 26734000 रुपए और कंगघिन में 187100 रुपए, कुदान में 29216600, नगरोटा बगवां में 3500000, मझीर में 16676426 तथा बिलासपुर में 5341800 रुपए की लागत से गोशालाओं का निर्माण कार्य जून तक पूरा हो जाएगा।
राज्य में संचालित 197 गोशालाओं एवं आठ बड़े गाय अभयारण्यों में 20252 बेसहारा पशुओं को सुरक्षित आश्रय प्रदान किया गया है। इस समय सड़कों पर 10253 लावारिस पशु घूम रहे हैं, जिनको संचालित गोशालाओं की क्षमता बढ़ाकर आश्रय प्रदान किया जाएगा। राज्य में इस समय कुल 220 गोसदन हैं।
इनमें से 197 कार्यान्वित हैं। राज्य में नए बड़े गोसदनों के निर्माण के लिये अभी तक 31 करोड़ 41 लाख रुपए की धनराशि खर्च की जा चुकी है।