इंडिया न्यूज़, शिमला
जेबीटी भर्ती (JBT Recruitment) को फसे चार साल हो गए थे अब हिमाचल सरकार (Himachal Government) ने इसको मंजूरी दे दी है। न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान (Judge Tarlok Singh Chauhan) और न्यायाधीश सत्येन वैद्य (Judge Satyen Vaidya) की खंडपीठ ने राज्य सरकार का आवेदन स्वीकृत करते हुए ये कहा है।
उन्होंने कहा की राज्य सरकार जेबीटी (State Government JBT) के पदों को एनसीटीई की ओर से जारी 28 जून 2018 की अधिसूचना के अनुसार ही भरे। अदालत ने यह स्पष्ट कर दिया है की पुनर्विचार याचिका और सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) के अंतिम निर्णय पर ही जेबीटी की भर्ती निर्भर करेगी।
राज्य के महाधिवक्ता ने हाईकोर्ट से अनुमति मांगी की इस मामले पर दोबारा विचार किया जाए। 26 नवंबर 2021 को हाईकोर्ट ने जेबीटी भर्ती के मामले पर फैसला सुनाया था। उन्होंने इस बात को स्पष्ट किया था कि शिक्षकों की भर्ती के लिए एनसीटीई से निर्धारित नियम प्रारंभिक शिक्षा विभाग और कर्मचारी चयन आयोग पर भी लागू हैं।
कोर्ट ने विभिन्न याचिकाओं को स्वीकारते हुए प्रदेश सरकार को आदेश दिए हैं की 28 जून 2018 की एनसीटीई की अधिसूचना के तहत जेबीटी पदों की भर्ती के नियमों में जरूरी संशोधन किया जाए।
कोर्ट के इस फैसले से जेबीटी पदों के लिए बीएड डिग्री वाले भी पात्र थे। आपको बता दे की हाईकोर्ट ने राज्य सरकार की और से आई याचिका के पारित आदेशों अनुसार इस फैसले पर रोक लगा दी है। इस रोक के कारण बीएड डिग्री धारक फिर से इन पदों के लिए लगाई दौड़ से बहार हो गए थे।
उन्होंने सरकार से मांग की थी की उन्हें इन पदों के योग्य समझा जाए। वो बीएड डिग्री धारक होने के साथ ही टेट उत्तीर्ण भी हैं और जेबीटी शिक्षक बनने के लिए पात्रता रखते हैं। आपको बता दे की नियुक्ति प्राप्त करने के बाद 6 महीने का कोर्स भी करना होगा।
कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर में दिसंबर 2018 को प्रारंभिक शिक्षा विभाग की तरफ से जेबीटी अध्यापकों के 617 पदों के आवेदन मांगे गए थे। इन पदों के लिए कम से कम 42 हजार अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। इस लिखित परीक्षा में 30 हजार से अधिक अभ्यर्थी उपस्थित हुए थे। लेकिन बीएड उत्तीर्ण अभ्यर्थियों के न्यायालय में जाने की वजह से भर्ती प्रक्रिया पर स्टे लग गया।