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“राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 एवं भारतीय ज्ञान परंपरा के परिपेक्ष में समाजशास्त्र” पर आयोजित दो-दिवसीय कार्यशाला का समापन

• LAST UPDATED : May 9, 2022

 

"National Education Policy-2020 and Sociology in the context of Indian knowledge tradition" was launched Himachal Pradesh

हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय धर्मशाला के कुलाधिपति प्रो0 हरमहेन्द्र सिंह बेदी को सम्मानित करते हुए कुलपति प्रो0 सत प्रकाश बंसल।

“राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 एवं भारतीय ज्ञान परंपरा के परिपेक्ष में समाजशास्त्र” पर आयोजित दो-दिवसीय कार्यशाला का समापन. 

इंडिया न्यूज, धर्मशाला।

हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय, विद्या भारती उच्च शिक्षण संस्थान एवं शोध (SHoDH) के संयुक्त तत्वावधान में धौलाधार परिसर, धर्मशाला में आयोजित की जा रही समाजशास्त्र कार्यशाला रविवार को सम्पन्न हुई। कार्यशाला के दूसरे दिन समाजशास्त्र के पठन-पाठन एवं पाठ्यक्रम से संबंधित सभी पक्षों की तार्किक एवं विस्तृत चर्चा हुई। देशभर के सभी प्रमुख विश्वविद्यालयों से आए हुए समाजशास्त्र के विशेषज्ञों ने समाजशास्त्र के अध्ययन की गुणवत्ता एवं विकास के लिए अपने सुझाव प्रस्तुत किए।

विद्या भारती उच्च शिक्षण संस्थान

कार्यक्रम के दूसरे दिन 4 तकनीकी सत्र रहे जिसमें प्रथम सत्र का विषय  “Preparing Sociology for Future (Climate Change, IoT, AI)” जिसके वक्ता प्रो. आर. राजेश, प्रो. अरविन्द कुमार जोशी तथा मोडरेटर रीना शर्मा रहे।

दूसरे सत्र का विषय “Strategies for Linking Indian and Global Sociology” जिसके वक्ता प्रो0 एम0 नागलिंगम, राकेश कृष्णन तथा मोडरेटर डॉ. शशि पूनम रहे।

तीसरे सत्र का विषय “Sociology at Schools – Questions of Curriculum and Pedagogy” जिसके वक्ता डॉ0 जे0 एस0 पाण्डेय, डॉ0 रामानंद, भरत तथा मोडरेटर कीर्ति शर्मा रहे।

डॉ0 हरमोहिंदर सिंह बेदी, कुलाधिपति हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय

चतुर्थ सत्र का विषय “Indianizing Sociology: Way Ahead” जिसके वक्ता प्रो0 बद्री नारायण, प्रो0 सत प्रकाश बंसल, कुलपति, रघुनन्दन, डॉ0 हरमोहिंदर सिंह बेदी, कुलाधिपति हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय, प्रो0 प्रदीप कुमार तथा मोडरेटर डॉ0 संजीत कुमार रहे। दो-दिवसीय कार्यशाला में विस्तृत चर्चा के उपरांत ये प्रस्ताव पारित किया गया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 का क्रियान्वन में महत्पूर्ण घटक स्कूली शिक्षा है। स्कूली शिक्षा के स्तर पर भारतीय ज्ञान परम्परा, सामाजिक चिन्तन तथा इसके उत्थान हेतु पाठ्यक्रमों की संरचना की जाना अनिवार्य है, जिससे स्कूली विद्यार्थियों में देश, समाज के प्रति संवेदना, सहानुभूति व सहयोग की भावना जागृत हो सके।

"National Education Policy-2020 and Sociology in the context of Indian knowledge tradition" was launched

हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलाधिपति प्रो0 हरमहेन्द्र सिंह बेदी द्वारा लिखी गई रचनाओं तथा अपने द्वारा संकलित की गई सैकड़ों पुस्तकों को विश्वविद्यालय के प्रयोग के लिए दान करने के उपरांत।

कार्यशाला के दूसरे दिन के समापन समारोह कार्यक्रम में हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलाधिपति प्रो0 हरमहेन्द्र सिंह बेदी मुख्य अतिथि के रुप में उपस्थित रहे। उन्होंने इस प्रकार की कार्यशाला के आयोजन पर हर्ष प्रकट करते हुए इसे भविष्य के लिए एक शुभ संकेत की संज्ञा दी। इसी वर्ष ’’पदम् श्री’’ से सम्मानित हुए कुलाधिपति महोदय ने अपनी रचनाओं तथा अपने द्वारा संकलित की गई सैकड़ों पुस्तकों को विश्वविद्यालय के प्रयोग के लिए दान कर दिया।

प्रो0 हरमहेन्द्र सिंह बेदी पंजाब के प्रसिद्ध हिंदी लेखक और शिक्षाविद हैं। बेदी समकालीन हिंदी कविता के प्रसिद्ध कवि एवं समीक्षक भी हैं। इनके कार्यों ने हिंदी साहित्य में पंजाब के अध्यात्मिक, सांस्कृतिक और धार्मिक योगदान को उल्लेखनीय रूप से रेखांकित किया है। हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय परिवार प्रो0 हरमहेन्द्र सिंह बेदी को आपने कुलाधिपति के रूप में पाकर धन्य है। इस विशेष मौके पर कार्यक्रम में उनकी धर्मपत्नी डॉ0 गुरनाम कौर जी भी उपस्थित रहीं।

कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रुप में विद्या भारती उच्च शिक्षण संस्थान के राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री के0 एन0 रघुनंदन जी उपस्थित रहे। उन्होंने समाजशास्त्र को सामाजिक विमर्श के निर्धारण का एक महत्वपूर्ण विषय बताते हुए इसमें शोध, अनुसंधान एवं पाठ सामग्री की रचना के लिए युवा शोधार्थियों को प्रोत्साहित करने की बात कही। रघुनंदन ने यह भी बताया कि नवीन राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 ने शिक्षा के भारतीयकरण के लिए एक दिशा दिखा दी है। समाजशास्त्र, राजनीति शास्त्र, अर्थशास्त्र, इतिहास जैसे समाजशास्त्र के विषयों को भारतीय ज्ञान परंपरा के वर्तमान समय में प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए आगे आना चाहिए।

कार्यशाला के दूसरे दिन के कार्यक्रम के विशिष्ठ अतिथि प्रो0 सत प्रकाश बंसल, कुलपति, हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय ने विद्या भारती एवं शोध को इस प्रकार की अनूठी कार्यशाला का आयोजन करने में विश्वविद्यालय के साथ मिलकर काम करने के लिए आभार व्यक्त किया। शैक्षिक जगत में बौद्धिक नवाचार के प्रोत्साहन पर बल देते हुए ’’नए भारत’’ हेतु नए राष्ट्रीय विमर्श को गढ़ने की बात पर चर्चा की गयी।

इस कार्यशाला के संयोजक विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता, छात्र कल्याण प्रो0 प्रदीप कुमार रहे। कार्यशाला में देशभर से समाजशास्त्र के शोधार्थियों एवं बौद्धिकों ने इस कार्यशाला में भाग लिया और अपने-अपने बहु-मुल्य सुझाव दिये।
इस कार्यशाला में विभिन्न टेक्निकल सत्रों के मुख्या वक्ता के रूप में प्रोफेसर बी0 बी0 मोहंती, प्रो0 बद्रीनारायण, प्रोफेसर आर0 राजेश, प्रोफेसर अरविंद जोशी, प्रो0 सुभद्रा चानना, डा0 एन0 नागलिंगम, डा0 जय शंकर पाण्डेय, डा0 अर्चना सिंह, डा0 आशीष कुमार, राकेश कृष्णन, डा0 अखिलेश पाठक जैसे समाजशास्त्र के विशेषज्ञ उपस्थित रहे। विश्वविद्यालय की ओर से कुलपति के सचिव प्रो0 अम्बरीश कुमार महाजन, परीक्षा नियंत्रक डॉ0 सुमन शर्मा, कुलानुशासक डॉ0 सुनील ठाकुर और सभी संकायों/विभागों/केन्द्रों के सभी अधिष्ठाता/विभागायक्ष/निदेशक मौजूद रहे। कार्यशाला का धन्यवाद ज्ञापन प्रो0 विशाल सूद, कुलसचिव द्वारा दिया गया। Workshop on “National Education Policy 2020 and Sociology in the context of Indian knowledge tradition” concluded.

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