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हाईकोर्ट के सीटिंग जज से करवाएं पुलिस भर्ती पेपर लीक मामले की जांच : संजय चौहान

• LAST UPDATED : May 8, 2022

हाईकोर्ट के सीटिंग जज से करवाएं पुलिस भर्ती पेपर लीक मामले की जांच : संजय चौहान

इंडिया न्यूज, शिमला।

भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने मांग की है कि पुलिस भर्ती पेपर लीक मामले (police recruitment paper leak case) की जांच हाईकोर्ट के सीटिंग जज (sitting judge of high court) से करवाई जाए। उसका मानना है कि यह गंभीर व चिंतनीय मामला है और इसकी असलियत सामने लाने के लिए जरूरी है कि इसकी जांच उच्च न्यायालय की देखरेख में आसीन जज द्वारा निष्पक्ष जांच करवाई जाए।

माकपा के राज्य सचिव मंडल सदस्य संजय चौहान (CPI(M) state secretary board member Sanjay Chauhan) ने कहा कि यह इसलिए भी आवश्यक है कि पुलिस विभाग जिसका जिम्मा कानून व्यवस्था बनाए रखने का है, उससे जुड़ा हुआ मुद्दा है तथा पुलिस विभाग स्वयं मुख्यमंत्री जिनके पास गृह विभाग भी है, देखते हैं।

उसका कहना है कि पुलिस विभाग व गृह विभाग से जुड़े होने के नाते पुलिस की जांच पर सवालिया निशान लगने की संभावना अधिक रहेगी। उन्होंने कहा कि यदि पुलिस भर्ती पेपर लीक का घटनाक्रम देखा जाए तो पेपर लीक का मामला पेपर होने से पहले ही उजागर हो गया था।

पुलिस को इसकी जानकारी मिल गई थी परंतु पुलिस ने इसको हलके से लिया और यह पेपर लीक का मामला घटित हुआ। उन्होंने कहा कि यदि समय रहते सरकार का पुलिस व खुफिया विभाग इस पर कार्रवाई करती तो इस पर रोक लगाई जा सकती थी।

उन्होंने कहा कि पेपर की तिथि से 20 दिन पूर्व ही यह मामला ध्यान में आ गया था और सोलन में 6 मार्च, 2022 को 6 लोगों को पूछताछ के लिए भी बुलाया था परंतु इसके पश्चात कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई।

27 मार्च, 2022 की करीब 74,000 परीक्षार्थियों ने इस भर्ती परीक्षा में भाग लिया। इसके बाद अप्रैल के पहले सप्ताह में भी इस मुद्दे को लेकर सरकार को अवगत करवाया गया था लेकिन सरकार द्वारा इस पर भी कोई कार्रवाई नहीं की गई और भर्ती की प्रक्रिया को चलाया गया।

सरकार ने समय रहते कार्रवाई नहीं की

चौहान ने कहा कि कांगड़ा में पुलिस अधिकारी की सक्रियता के चलते इस भर्ती में गड़बड़ी को उजागर किया गया और अब मीडिया में इस मामले को उजागर होने के बाद सरकार ने इस भर्ती को रद कर दिया है।

उन्होंने कहा कि यदि सरकार समय रहते इस पर कार्रवाई करती तो इस गड़बड़ी को रोका जा सकता था और हजारों परीक्षार्थियों को उत्पीड़न से बचाया जा सकता था।

माकपा नेता ने कहा कि जैसे-जैसे इस पुलिस भर्ती पेपर लीक की परतें खुल रही हैं, उसमें सरकार व पुलिस विभाग की लचर कार्रवाई उजागर हुई है।

उन्होंने कहा कि बीजेपी की सरकार के साढ़े 4 वर्ष के कार्यकाल में जो भी भर्ती प्रक्रिया की गई है, चाहे वह जेबीटी, पटवारी, जेओए, पुलिस या अन्य भर्ती हो, उन सब पर सवालिया निशान लगा है।

उन्होंने कहा कि यह सरकार की कुव्यवस्था को उजागर करती है। आज प्रदेश में लाखों युवा बेरोजगार हैं और सरकार रोजगार देने में पूरी तरह से विफल रही है और केवल बीजेपी अपने चेहतों की ही भर्ती की जा रही है।

संजय चौहान ने कहा कि प्रदेश में आज लाखों युवा रोजगार के इंतजार में है परंतु सरकार भर्ती की प्रक्रिया को सुचारू रूप से नहीं कर पा रही है।

उन्होंने कहा कि जो भर्ती प्रक्रिया की भी जा रही है, वह भी सवालों के घेरे में है। उन्होंने कहा कि सरकार की इस लचर कार्यप्रणाली से आज प्रदेश के लाखों युवाओं में हताशा पैदा हो रही है और आज सरकार की गलत नीतियों के कारण प्रदेश में व्यापक बेरोजगारी पैदा हो गई है। हाईकोर्ट के सीटिंग जज से करवाएं पुलिस भर्ती पेपर लीक मामले की जांच : संजय चौहान

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