इंडिया न्यूज़, ज्वाली
एक शहीद की पत्नी को अपने बेटे की नौकरी के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है। लेकिन सरकार (Government) की देखें तो उनकी बात सुनने वाला कोई भी नहीं है। एक मजबूर औरत फरियाद लेकर जगह-जगह घूम रही है, लेकिन उसकी बात सुनने वाला कोई भी नहीं है।
उपमंडल ज्वाली (Subdivision Jwali) के अधीन पंचायत राजोल (Rajol) में शहीद भीमसेन (Shaheed Bhimsen) की पत्नी रेखा देवी व माता मंगलवार को कोटला (Kotla) में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर (Chief Minister Jai Ram Thakur) से मिली लेकिन उनको वहां से भी आश्वासन ले इलावा कुछ नहीं मिला है।
आपको बता दे की रेखा देवी के पति भीमसेन असम राइफल (Assam Rifles) में राइफलमैन (rifleman) की ड्यूटी पर थे। वे वर्ष 2002 में मणिपुर (Manipur) में माओवादियों (Maoists) से लड़ते हुए शहीद हो गए। हिमाचल की सरकार ने उनकी कोई पूछ नहीं की। रेखा देवी का कहना है की मेरा बेटा 60 प्रतिशत अपंग है और मैं उससे नौकरी दिलाने की मांग कर रही हूँ। मुख्यमंत्री (Chief Minister) बार-बार मिलते हैं,लेकिन आश्वासन ही मिलता है।