करार (एमओयू) पर वेद मणि तिवारी, मुख्य परिचालन अधिकारी और कार्यवाहक सीईओ, एनएसडीसी और प्रोफेसर लक्ष्मीधर बेहरा, निदेशक, आईआईटी मंडी हस्ताक्षर करने के उपरांत।
एनएसडीसी और आईआईटी मंडी मिल कर बनाएंगे युवाओं को उभरती डिजिटल प्रौद्योगिकियों में अधिक कार्य कुशल।
इंडिया न्यूज, मंड़ी (Mandi Himachal Pradesh)
डिजिटल प्रौद्योगिकियों
‘भारत पूरी दुनिया में कौशल की राजधानी’ बने कौशल भारत मिशन की इस दूरदृष्टि से इस साझेदारी का उद्देश्य उभरती डिजिटल प्रौद्योगिकियों में भारतीय युवाओं की क्षमता बढ़ाना है
आईआईटी मंडी डिजिटल माध्यम से सीखने का बेहतरीन अवसर देगा जिससे पूरे देश के इच्छुक उम्मीदवारों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और कौशल के व्यापक अवसर मिलेंगे
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मंडी (IIT Mandi) ने भारत सरकार के कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) (MSDE) के तहत कार्यरत नोडल एजेंसी राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) (NSDC) से एक सहमति करार (एमओयू) (MOU) पर हस्ताक्षर किया है। करार का मकसद युवाओं तक प्रभावी ढंग से डिजिटल कोर्स पहंुचाना, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और कौशल के साथ-साथ इमर्सिव हैंड्स-ऑन अनुभव प्राप्त करने के अवसरों को बढ़ावा देना है।
नई दिल्ली में 19 मई 2022 को हुए इस करार (एमओयू) पर वेद मणि तिवारी, मुख्य परिचालन अधिकारी और कार्यवाहक सीईओ, एनएसडीसी (Ved Mani Tiwari Chief Operating Officer, Acting CEO NSDC) और प्रोफेसर लक्ष्मीधर बेहरा, निदेशक, आईआईटी मंडी (Professor Laxmidhar Behera, Director, IIT Mandi) ने हस्ताक्षर किए।
इस सहयोग करार का उद्देश्य डेटा साइंस (Data Science), बिग डेटा एनालिटिक्स (Big Data Analytics) आदि तेजी से उभरती प्रौद्योगिकियों में डिजिटल कोर्स शुरू करना है।
बिग डेटा एनालिटिक्स
इस सहयोग करार का उद्देश्य डेटा साइंस (Data Science), बिग डेटा एनालिटिक्स (Big Data Analytics) आदि तेजी से उभरती प्रौद्योगिकियों में डिजिटल कोर्स शुरू करना है। आईआईटी मंडी के साथ मिल कर एनएसडीसी इच्छुक विद्यार्थियों और बाजार के लिए आवश्यक प्रशिक्षण के अनुरूप प्रोग्राम का डिजाइन और कांसेप्ट तैयार करेगा। यह उत्कृष्टता केंद्र (सीओई) स्थापित कर भारतीय युवाओं में उद्यमशीलता का उत्साह और संस्कृति का विकास करने में मदद करेगा जो आत्मनिर्भर भारत के व्यापक दृष्टिकोण को साकार करने की दिशा में बड़ा कदम है। साथ ही, शिक्षकों, प्रशिक्षकों और बुनियादी स्तर के प्रमुख लोगों की क्षमता बढ़ाई जाएगी।
संयुक्त रूप से प्रशिक्षण पद्धति के नए मॉडल बनाए जाएंगे ताकि सीखने के अत्याधुनिक अवसर अधिक सुलभ हों और इस तरह रोजगार बढ़े। एनएसडीसी समग्र प्रशिक्षण कार्यक्रम को बुनियादी स्तर से लागू करने पर निगरानी रखेगा और आईआईटी मंडी के प्रशिक्षण कोर्स का लाभ उठाने के लिए उम्मीदवारों को प्रोत्साहित करेगा।
एनएसडीसी
एनएसडीसी के मुख्य परिचालन अधिकारी और कार्यवाहक सीईओ वेद मणि तिवारी (Ved Mani Tiwari Chief Operating Officer, Acting CEO NSDC) ने इस साझेदारी के रणनीतिक महत्व के बारे में बताया, “हम प्रौद्योगिकी-संचालित विकास के साथ बहुत तेजी से भविष्य की ओर बढ़ रहे हैं इसलिए हमारे पास दुनिया के बाकी देशों के लिए भी उच्च गुणवत्ता के कुशल कार्यबल तैयार करने का बहुत अवसर है। कोविड-19 (COVID-19) महामारी के चलते प्रचलित रोजगार व्यवस्था मजबूत करने के साथ तेजी से नए युग के कौशल विकसित करने की आवश्यकता महसूस की जा रही है। इसलिए शैक्षिक संस्थानों और उद्योग जगत के लिए एकजुट होकर एक समग्र इकोसिस्टम बनाना अनिवार्य है जिसमें भारत के युवाओं के लिए संसाधन सुलभ हो और सही अवसरों के लिए मार्गदर्शन प्राप्त हो। आईआईटी मंडी से हमारी यह साझेदारी भारतीय युवा प्रतिभा को उद्योग जगत के वर्तमान परिदृश्य के अनुरूप बनाए रखने की प्रतिबद्धता पूरी करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
आईआईटी मंडी ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ा मुकाम बनाया है और इस प्रोग्राम के तहत जो डिजाइन और कांसेप्ट संस्थान के प्रगतिशील करिकुलम का है वह भारतीय प्रतिभा को आने वाले डिजिटल युग के लिए तैयार करेगा।’’
आईआईटी मंडी के निदेशक प्रो0 लक्ष्मीधर बेहरा ने कहा, ‘‘मुझे यह जानकारी साझा करने की खुशी है कि आईआईटी मंडी एनएसडीसी के साथ एक लंबे सफर पर चल पड़ा है जिसका मकसद साधनरहित युवाओं और काम-काजी प्रोफेशनलों को उच्च स्तरीय कौशल प्रदान करना है। आईआईटी मंडी परिसर में इमर्सिव हैंड्स-ऑन अनुभव देने के लिए एक अभूतपूर्व केंद्र स्थापित करने की योजना है जो एक संयुक्त पहल से पूरी की जाएगी। यह उद्यमिता के साथ-साथ उभरती प्रौद्योगिकियों मंे कौशल विकास को बढ़ावा देगा।
आईआईटी मंडी
एक प्रतिष्ठित संस्थान के रूप में आईआईटी मंडी उम्मीदवारों के विभिन्न वर्गों के लिए डिजिटल लर्निंग मॉड्यूल डिजाइन और कोर्स शुरू करने की सुविधा प्रदान करेगा। संस्थान एक मजबूत ढांचे में गुणवत्ता के साथ लाइव क्लास शुरू करने में योगदान देगा। साथ ही, पूरे देश में बुनियादी स्तर पर कार्यरत प्रमुख भागीदारों समेत शिक्षा और कौशल के क्षेत्र में कार्यरत शिक्षकों की क्षमता बढ़ाने में भी योगदान देगा।