India News (इंडिया न्यूज़), ED Raid: ईडी बार-बार दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को समन भेज रही है। लेकिन उसके बाद दोनों में से कोई उसके सामने पेेश नहीं हो रहा। ऐसे में सवाल ये उठता है कि क्या इनके खिलाफ कोई एक्शन लिए जा सकते हैं?
ईडी पूछताछ के लिए अरविंद केजरीवाल को 3 बार और हेमंत सोरेन को 7 बार बुला चुकी है। लेकिन दोनों ही सीएम ईडी के इस समन को बार बार नजरअंदाज कर रहे हैं।
ईडी की तरफ से अरविंद केजरीवाल और सोरेन को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 की धारा 50 के तहत समन भेजे जा रहे हैं। इस अधिनियम के तहत, जिस किसी को भी जांच एजेंसी पूछताछ के लिए बुलाती है, वह व्यक्तिगत रूप से या अधिकृत एजेंटों के माध्यम से उपस्थित होने के लिए बाध्य है। वह जिस मामले में जांच की जा रही है उससे संबंधित बयान देने और दस्तावेज पेश करने के लिए भी वह बाध्य होता है। ईडी तब तक समन भेजती रहेगी जब तक वे पूछताछ के लिए नहीं पहुंचता।
ऐसे में अगर मौजुदा व्यक्ति पेश नहीं होता है तो, जांच एजेंसी संबंधित अदालत के समक्ष एक आवेदन दायर कर सकती है। उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी करवा सकती है। वरना सीधे उनके घर जा उनसे पूछताछ कर सकती है।अगर ईडी के पास ठोस सबूत है तो वो पूछताछ के बाद गिरफ्तारी के लिए भी आगे बढ़ सकती है।
वैसे तीन समन मिलने के बाद भी अगर कोई पेश न हों तो ईडी के पास कानूनी अधिकार है कि वो गिरफ्तारी करे। लेकिन ईडी के पास ये अधिकार सीमित हैं। ईडी अपने इस अधिकार का तब ही इस्तेमाल कर सकती है जब उसके पास ठोस सबूत हों। अगर ठोस सबूत ना हों तो संवैधानिक पद पर बैठे शख्स की गिरफ्तारी नहीं हो सकती।
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