India News(इंडिया न्यूज़) Karwa Chauth History: सनातन धर्म में करवा चौथ व्रत को बहुत महत्व दिया गया है। करवा चौथ के दिन हर शादीशुदा महिला अपने पति की लंबी उम्र के लिए करवा चौथ का व्रत रखती है। यह परंपरा आज से नहीं बलिक प्राचीन काल से चली आ रही है। मान्यता है कि प्राचीन काल में महिलाएं भी अपने पति की लंबी उम्र के लिए करवा चौथ का व्रत रखती थीं।
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, करवा चौथ का व्रत हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को रखा जाता है। इस साल 31 अक्टूबर 2023 को रात 9:30 बजे से शुरू होगी, जो 1 नवंबर 2023 को रात 9:19 बजे समाप्त होगी। हालांकि, उदया तिथि के अनुसार, इस साल करवा चौथ का व्रत 1 नवंबर को मनाया जाएगा।
मान्यता है कि माता पार्वती ने भगवान शंकर के लिए यह व्रत किया था और इस व्रत के प्रभाव से उन्हें भी अपार सौभाग्य की प्राप्ति हुई। इसलिए तब से आज तक विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए यह व्रत रखती हैं। कई कथाओं के अनुसार यह भी कहा जाता है कि एक बार ब्रह्मदेव ने सभी महिलाओं को अपने पतियों के लिए करवा चौथ का व्रत रखने के लिए कहा था। जिसके बाद यह परंपरा शुरू हुई।
बता दें कि जब देवताओं और दानवों के बीच भयंकर युद्ध छिड़ गया और अपनी सारी शक्ति लगाने के बावजूद भी देवताओं को हार का सामना करना पड़ रहा था। उस समय ब्रह्म देव ने अपने पति की रक्षा के लिए कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को देवी-देवताओं को करवा चौथ का व्रत रखने के लिए कहा। इस व्रत के प्रभाव से ही देवता राक्षसों पर विजय पाने में सफल हुए थे। यह समाचार सुनकर स्त्रियाँ बहुत प्रसन्न हुई और उन्होंने अपना व्रत खोला।
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