India News Punjab (इंडिया न्यूज), Hypertension: बुढ़ापे में होने वाली कई गंभीर बीमारियों की लिस्ट में से एक हाइपरटेंशन या हाई ब्लड प्रेशर का नाम भी होता था। लेकिन अब यह स्थिति बदल चुकी है। हाल ही में दिल्ली के राजकीय मेडिकल कॉलेज के एक अध्ययन में पाया गया है कि हाइपरटेंशन अब बच्चों को भी प्रभावित कर रहा है। डॉ. राजीव शाक्य, जो कन्नौज के राजकीय मेडिकल कॉलेज के इंटरनल मेडिसिन के वरिष्ठ चिकित्सक हैं, इस विषय पर विचार व्यक्त करते हैं।
उनके अनुसार, कुछ साल पहले तक हाइपरटेंशन 20-30 साल के युवाओं में होने वाली समस्या थी, लेकिन अब यह समस्या 6 से 19 साल के बच्चों में भी दिखाई देने लगी है। इस बढ़ती हालत को देखते हुए चिकित्सकों ने बच्चों की सेहत पर जोर देने की सलाह दी है। ऐसे में बच्चों के स्वास्थ्य पर ध्यान देना और उनके खान-पान और लाइफस्टाइल में बदलाव करना अत्यंत आवश्यक है।
डॉ. राजीव शाक्य के अनुसार, हाइपरटेंशन आमतौर पर चुपचापी से मनुष्य के शरीर में प्रवेश करता है। इसके लक्षण आमतौर पर शुरुआती अवस्था में पहचाना जाना मुश्किल होता है। अगर समय पर इसका पता नहीं चलता, तो इसके बाद हार्ट अटैक, स्ट्रोक, किडनी की समस्या या डिमेंशिया जैसी गंभीर बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए महत्वपूर्ण है कि हम हाइपरटेंशन को समय रहते नियंत्रित करें। इस बीमारी के बारे में जानने के लिए हमें यह पता होना चाहिए कि इसके क्या लक्षण होते हैं, क्या कारण होते हैं और कैसे इसका उपचार किया जा सकता है।
शरीर का मुख्य उद्देश्य ब्लड को सही रिक्ति में पंप करना है। इसके लिए, आर्टरीज के माध्यम से ब्लड को सही प्रमाण में पंप किया जाता है। लेकिन यदि ब्लड का दबाव सामान्य से अधिक हो जाता है, तो इसे हाइपरटेंशन या हाई ब्लड प्रेशर कहा जाता है। इससे रक्त वाहिकाओं की दीवार पर अतिरिक्त तनाव पड़ता है, जिससे कई समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
क्लीवलैंड क्लीनिक की रिपोर्ट के अनुसार, बच्चों में हाइपरटेंशन के दो मुख्य कारण होते हैं।
हाइपरटेंशन के लक्षणों की पहचान करना महत्वपूर्ण होता है, खासकर बच्चों में, क्योंकि यह साइलेंट होने के कारण प्राइमरी स्टेज में इसकी पहचान करना कठिन हो सकता है। यदि आपके बच्चे को लगातार उल्टी, सीने में जकड़न, सांस लेने में परेशानी, सिरदर्द, धड़कनें तेज चलना, या दिखने में परेशानी हो, तो इसे गंभीरता से लें और तुरंत जांच कराएं। यह सभी संकेत हाइपरटेंशन के हो सकते हैं और समय रहते उपचार करने में मदद कर सकते हैं।
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