India News (इंडिया न्यूज), Kidney Beans: राजमा प्रोटीन, फाइबर, कार्ब्स, विटामिन एवं मिनरल्स का खजाना है। एक्सपर्टस के मुताबिक 100 ग्राम उबले हुए राजमा में करीबन 9 ग्राम प्रोटीन, फाइबर 6.5 ग्राम, कार्ब्स 22 ग्राम साथ ही बाकि तमाम पोषक तत्व होते हैं। उबले हुए राजमा करीबन 67 पर्सेंट पानी से भरे होते है। बेस्ट प्रोटीन का सबसे बढ़िया स्रोत राजमा को कहा जा सकता है। इसे गरीबों का चिकन भी कहते है। राजमा मुख्य रूप से स्टार्चयुक्त कार्ब्स से बना होता है। इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स बहुत कम होता है। जिस कारण डायबिटीज के मरीज भी इसका सेवन कर सकते हैं।
आपको बता दें कि लाल राजमा को कभी कच्चा नहीं खाना चाहिए। इससे आपकी सेहत पर असर पड़ सकता है। जिसके बाद हॉस्पिटल जाने की नौबत भी आ सकती है। कच्चे राजमा में ज्यादा मात्रा में फाइटोहेमाग्लगुटिनिन नामक टॉक्सिक प्रोटीन होता है। फाइटोहेमाग्लगुटिनिन कई फलियों में भी पाया जाता है। परंतु लाल राजमा में सबसे अधिक पाया जाता है। कच्चा राजमा खाने से लोग फूड पॉइजनिंग का शिकार हो सकते हैं। कच्चा राजमा उल्टी, दस्त, पेट फूलने तथा पाचन संबंधी कई समस्याएं पैदा करता है।
वहीं राजमा को कुछ घंटे तक पानी में भिगोकर रखने से इसमें मौजूद अधिकांश जहरीले पदार्थ समाप्त हो जाते हैं। अच्छी तरह से पक्का हुआ राजमा खाने में सुरक्षित होता है, साथ ही यह बेहद पौष्टिक होता है। सेवन से पहले कच्चे राजमा को कमसकम 5 घंटे तक भिगोना चाहिए। उसके बाद कमसकम 10 मिनट तक उबाला जाना चाहिए। जिसके बाद सेवन किया जाए, तो सेहत दुरुस्त रहती है।
प्रोटीन, फाइबर तथा धीमी गति से रिलीज होने वाले कार्ब्स से भरपूर होने की वजह से राजमा ब्लड शुगर कंट्रोल करने में बेहद प्रभावी होता है। इसमें ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम है, जिस वजह से यह शुगर के मरीजों के लिए बेहद लाभकारी है। कई अध्ययनों से पता चलता है कि राजमा अवं बाकि कम ग्लाइसेमिक खाद्य पदार्थ खाने से टाइप 2 डायबिटीज का खतरा कम हो सकता है।
दुनियाभर का सबसे कॉमन कैंसर कोलन कैंसर है। कई स्टडी के मुताबिक यह सामने आया कि राजमा का सेवन करने से कोलन कैंसर का खतरा कम होता है। राजमा में विभिन्न प्रकार के पोषक तत्व तथा फाइबर होते हैं। जिनमें संभावित एंटी-कैंसर प्रभावशाली होते है। इसे कोलन की हेल्थ के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है।
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