इंडिया न्यूज़, हिमाचल प्रदेश (Internet shutdowns): दुनिया भर में इंटरनेट की सेवाओं पर पाबंदी लगाने में भारत सबसे आगे है। देश के अंदर घटने वाली घटनाओं को देखते हुए सरकार को इस तरह का कदम उठाना पड़ता है। इंटरनेट सेवा के ठप होने को लेकर एक ग्लोबल रैकिंग रिपोर्ट जारी की गई। इस रिपोर्ट में भारत लगातार पांचवें साल भी दुनिया में पहले स्थान पर रहा है। इंटरनेट एडवोकेसी के क्षेत्र में कार्य करने वाली एजेंसी एक्सेस नाउ और कीप इटऑन (Access Now and KeepItOn ) की संयुक्त रिपोर्ट में बताया गया है कि साल 2022 में भारत में सबसे ज्यादा बार इंटरनेट पर पाबंदी लगाई गई है।
रिपोर्ट के अनुसार साल 2016 के बाद से दुनिया भर में इंटरनेट पर लगाई गई पाबंदी के कुल मामलों में लगभग 58 फीसदी पाबंदी भारत में लगाई गई थी। 2022 में दुनिया भर में इंटरनेट शटडाउन होने के कुल 187 मामले सामने आए हैं, जिनमें से अकेले 84 मामले भारत से हैं। रिपोर्ट के मुताबिक 2022 में भारत के केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में सबसे ज्यादा 49 बार इंटरनेट को बंद किया।
जम्मू कश्मीर में साल 2022 में जनवरी और फरवरी में 16 बार इंटरनेट को बंद किया गया था। वहीं, राजस्थान में 12 बार और पश्चिम बंगाल में सात बार इंटरनेट को बंद किया गया था। साल 2021 में किसान आन्दोलन के दौरान सबसे लंबे समय के लिए इंटरनेट पर पाबंदी लगाई गई थी।
रिपोर्ट के मुताबिक साल 2016 के बाद से भारत में लगातार इंटरनेट पर पाबंदी लगाई जा रही है। इस समय दूरसंचार सेवाओं के अस्थायी निलंबन (सार्वजनिक आपातकाल या सार्वजनिक सुरक्षा) नियम, 2017 के तहत इंटरनेट पर पाबंदी लगाने का आदेश दिया जाता है। DoT की ओर से बनाए गए नियम के अनुसार इंटरनेट पर पाबंदी “सार्वजनिक आपातकाल या सार्वजनिक सुरक्षा के कारण” लगाई जा सकती है। देश में इंटरनेट को बंद करने का अधिकार केंद्रीय और राज्य स्तर पर गृह मंत्रालय को प्राप्त है।
इसे भी पढ़े- सीएम सुक्खू के पहले बजट में शिक्षा को मिल सकती है प्राथमिकता