इंडिया न्यूज़, हिमाचल प्रदेश: भारी कर्ज के बोझ में दबी हिमाचल सरकार ने प्रदेश में खर्चों पर कटोती के लिए अलग-अलग तरीके तलाशना शुरु कर दिया है। इस क्रम में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार ने स्कूलों में दी जाने वाली 9 से 12वीं तक के बच्चों को निशुल्क वर्दी योजना को बंद करने का फैसला लिया है। इस योजना के बंद होने से सौकड़ों बच्चों को झटका लगा है।
बीते सप्ताह सीएम सुक्खू की अध्यक्षा में हुई कैबिनेट बैठक मे योजना को बंद करने का फैसला लिया गया। कैबिनेट की बैठक में वर्दी योजना की समीक्षा की थी, जिसके बाद सरकार ने इस योजना को बंद कर दिया। हालांकि सरकार ने इस योजना में संशोधन भी किए है। इस योजना के पिछे प्रदेश में वित्तीय संकट की तर्क दिया जा रहा है। बता दे कि कक्षा 11वीं से 12वीं तक के छात्रों को वर्दी देने की योजना पूर्व की वीरभद्र सरकार ने ही शुरू की थी।
योजना को बंद किए जाने पर शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने बताया कि केंद्र सरकार से कक्षा 1 से 8 तक के बच्चों को वर्दी के लिए बजट जो बजट दिया जाता है। सरकार ने निर्णय लिया है कि वर्दी का पैसा सीधा इन बच्चों के खाते में डाला जाएगा। प्रदेश की खराब वित्तीय स्थिति को देखते हुए कैबिनेट में इस योजना में कुछ बदलाव किया गया है। बता दे कि अब स्कूली बच्चों को वर्दी के बजाय उनके या उनकी माता के बैंक खाते में सीधे 600 रुपये ट्रांसफर किए जाएंगे।
वहीं, कक्षा 1 से 8 तक के सभी विद्यार्थियों को नहीं बल्कि लड़कियों, एससी, एसटी और बीपीएल परिवार से संबंध रखने वाले लड़कों को यह लाभ मिलेगा। सामान्य परिवार से या सामान्य जाति से संबंध रखने वाले सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले लड़कों को यह लाभ नहीं मिलेगा।
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