इंडिया न्यूज़, हिमाचल प्रदेश: देश में एड्स के बचाव के लिए केंद्र व राज्य सरकारें जागरूकता अभियान चलाती हैं और देश के अंदर बड़े-बड़े आयोजन किए जाते हैं, लेकिन समाज एड्स को लेकर कितना जागरूक होता है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि एड्स के मरीज समाज के सामने खुलकर अपनी समस्या कहने में हिचकिचाते हैं। लोग एड्स के बारे में एक-दूसरे को बता नहीं पाते हैं। वहीं समाज एड्स के मरीजों को हीन की भावना से देख जाता है।
हालाकिं हिमाचल प्रदेश सरकार एड्स से बचाव के लिए बड़े स्तर पर जागरूकता अभियान चला रही है। प्रदेश में एड्स से बचाव के लिए जगह-जगह कैंप लगाए गए है। साथ ही प्रदेश के लोगों से समय-समय पर अपना रूटीन चेकअप कराने और एड्स से बचाव के लिए जरूरी उपाय करने की अपील भी की जाती है। लोगों को खुलकर अपनी परेशानियों को कहना चाहिए।
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देश भर में एड्स के खिलाफ जागरुकता अभियान चलाया जा रहा है। वहीं अगर हिमाचल की बात करें तो एड्स के मामले में हिमाचल प्रदेश की स्थिति बहुत बेहतर नजर आती है। प्रदेश में एड्स संक्रमण की दर केवल 0.11 फीसदी है। यानी एक हजार व्यक्तियों में केवल 0.11 फीसदी लोगों को एड्स संक्रमण है। हिमाचल प्रदेश सरकार समय-समय पर एड्स के बचाव के लिए लोगों को जागरूक करता रहा है। वहीं देशभर में एड्स संक्रमण में महाराष्ट्र सबसे ऊपर है जबकि हिमाचल प्रदेश 27वें स्थान पर है।
इस समय हिमाचल प्रदेश में एड्स के 5 हजार 191 सक्रिय मरीज हैं। एड्स मरीजों का इलाज हिमाचल प्रदेश राज्य एड्स नियंत्रण सोसाइटी के कार्यक्रम के तहत कराया जाता है। हिमाचल प्रदेश में 57 एंटी रेट्रोवायरल थेरेपी केंद्र के साथ चार मोबाइल वेन की भी व्यवस्था की गई है। इन केंद्र में एड्स मरीजों को मुफ्त इलाज की सुविधा है। प्रदेश सरकार की तरफ से एड्स मरीजों मुफ्त में बस में सफर करने की सुविधा और मरीजों को हर महीने 1500 रुपए की आर्थिक सहायता भी प्रदान की जाती है।
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