इंडिया न्यूज, धर्मशाला (Dharamshala-Himachal Pradesh)
धर्मशाला विधानसभा क्षेत्र (dharamshala vidhan sabha constituency) की तीन मुख्य खड्डों – चरान (charan), मांझी (manjhi) और मनूनी (manuni) के तटीकरण (channelization) पर 150 करोड़ रुपये खर्चे जाएंगे। इससे एक ओर जहां हर साल करीब 1300 हैक्टेयर भूमि का बाढ़ से बचाव (flood protection) होगा, वहीं सालाना 25 करोड़ रुपये के नुकसान (loss from flood) को भी बचाया जा सकेगा। ये जानकारी धर्मशाला विधानसभा क्षेत्र के विधायक सुधीर शर्मा (MLA of Dharamshala Assembly Constituency, Sudhir Sharma) ने दी।
उन्होंने बताया कि जल शक्ति विभाग (jal shakti department) को तटीकरण परियोजना का विस्तृत प्राकलन (plan) तैयार करने के निर्देश दे दिए गए हैं।
उन्होने बताया कि जल शक्ति विभाग इन तीन खड्डों के तटीकरण को लेकर मॉडल स्टडी के कार्य के लिए केंद्रीय जल एवं विद्युत अनुसंधान केंद्र पुणे (Central Water and Power Research Station Pune -CWPRS)की मदद लेगा। इस कार्य पर करीब 32 लाख रुपये व्यय होंगे।
विभाग ने राजस्व विभाग के प्रधान सचिव को यह धनराशि मुहैया कराने की डिमांड भेजी है, जल्द ही पैसा स्वीकृत करा के काम को आगे बढ़ाया जाएगा।
अगले तीन महीने के भीतर परियोजना की विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जाएगी। इसके उपरांत करीब 150 करोड़ रुपये की इस परियोजना को स्वीकृति के लिए केंद्रीय जल आयोग को भेजा जाएगा।
उन्होने कहा कि केंद्रीय जल आयोग की स्वीकृति मिलते ही परियोजना को अमलीजामा पहनाने के लिए समयबद्ध कार्य किया जाएगा। इससे धर्मशाला के अंतर्गत बड़े क्षेत्रफल में भूमि का बाढ़ से बचाव होगा और लोग सीधे तौर पर इससे लाभान्वित होंगे।
तटीकरण से क्षेत्र में बहने वाली सिंचाई कूहलों को भी बाढ़ से होने वाले नुकसान से बचाया जा सकेगा। इसके उपरांत खड्डों के किनारों का सुंदरीकरण कर पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने की दिशा में काम किया जाएगा।
गौरतलब है कि धर्मशाला क्षेत्र में बहने वाली तीन मुख्य खड्डों चरान, मांझी और मनूनी में बरसात में बाढ़ के कारण उपजाऊ भूमि का कटाव (soil erosion) व अन्य जान-माल का नुकसान होता है।
धर्मशाला क्षेत्र में चरान खड्ड की कुल लम्बाई 9 कि.मी है तथा इसके अंतर्गत हर वर्ष 350 हैक्टेयर भूमि को बाढ़ से नुकसान पहुँचता है। इस कारण हर वर्ष लगभग 7 करोड रुपये का नुकसान होता है।
वहीं मांझी खड्ड जिसकी कुल लम्बाई 16 कि.मी है तथा इसके अंतर्गत बाढ़ से हर वर्ष 500 हैक्टेयर भूमि को नुकसान पहुँचता है। जिस कारण हर वर्ष लगभग 10 करोड़ रुपये की हानि होती है।
मनूनी खड्ड की कुल लम्बाई 12 कि.मी है तथा इसके अंतर्गत बाढ़ से हर वर्ष 450 हैक्टेयर भूमि का कटाव है तथा हर वर्ष करीब 8 करोड रुपये का नुक्सान होता है।
इन खड्डों के तटीकरण होने से हर वर्ष लगभग 1300 हैक्टेयर भूमि का कटाव रोका जा सकेगा तथा सालाना लगभग 25 करोड रूपये की धनराशि के नुकसान को बचाया जा सकेगा।
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