इंडिया न्यूज, Shimla (Himachal Pradesh)
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर (Jai Ram Thakur) ने सोमवार को यहां प्रेस कांफ्रेंस में पंजाबी सिंगर और पंजाब के कांग्रेस नेता सिद्धू मूसेवाला (Sidhu Moose wala) की हत्या के मामले को लेकर पंजाब (Punjab) की आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) की सरकार पर निशाना साधा है।
उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी देश व पंजाब के हित में नहीं है। उन्होंने कहा कि हिमाचल में खालिस्तान के झंडे लगाने वालों को 5 दिनों में गिरफ्तार किया गया लेकिन पंजाब में खालिस्तान के झंडे लग रहे हैं और कार्रवाई कुछ नहीं। इसका अभिप्राय क्या है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पड़ोसी राज्य पंजाब में सत्ता दल के नेताओं को कुछ हटकर करने का शौक चढ़ा है। इन नेताओं ने अपने इस शौक को पूरा करने के लिए बिना सोचे-समझे कई वीआईपी की न केवल सुरक्षा वापिस ली, बल्कि इसे सार्वजनिक भी कर दिया।
उन्होंने कहा कि पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या आम आदमी पार्टी के नेताओं के इसी शौक का नतीजा है। उन्होंने पंजाब में वीआईपी लोगों की सुरक्षा वापस लेने के निर्णय को राजनीतिक निर्णय करार दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी व्यक्ति को सुरक्षा उपलब्ध करवाने के लिए मापदंड पहले से निर्धारित है। यही नहीं, सुरक्षा उपलब्ध करवाने का निर्णय एक कमेटी द्वारा किया जाता है जो ये निर्णय लेती है कि किसी भी व्यक्ति की जान को कितना खतरा है और फिर जाकर फैसला होता है लेकिन पंजाब में ऐसा नहीं हुआ।
जयराम ठाकुर ने कहा कि पंजाब में वीआईपी की सुरक्षा वापिस लेने का निर्णय सिर्फ खबर बनाने के लिए है। उन्होंने पंजाब की मान सरकार को बड़ी-बड़ी बातें करने की बजाय व्यावहारिक स्तर पर बात करने की सलाह दी।
उन्होंने कहा कि पंजाब के हालात तेजी से बदल रहे हैं और पिछले कुछ समय से पंजाब में घटित हो रहा घटनाक्रम देश खासकर पंजाब के हित में बिल्कुल भी नहीं है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब से आए कुछ खालिस्तानी समर्थक हिमाचल में भी खालिस्तानी झंडे लहराकर चले गए लेकिन प्रदेश पुलिस ने तुरंत ही कार्रवाई कर उन्हें पकड़ लिया।
इसके विपरीत पंजाब में जगह-जगह खालिस्तानी झंडे लहराए गए लेकिन एक भी जगह कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने पंजाब सरकार से पूछा कि आखिर उसकी नीयत क्या है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सिद्धू की हत्या में जिन हथियारों का प्रयोग हुआ, वे कहां से आए, इसकी जांच होने चाहिए। उन्होंने ये भी कहा कि पंजाब में प्रधानमंत्री की सुरक्षा को भी हल्के से लिया गया और उसमें भी भारी चूक हुई थी।
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