इंडिया न्यूज, बिलासपुर :
Ankesh Last Journey : अरुणाचल प्रदेश के कामेंग सैक्टर में हुए हिमस्खलन में शहीद हुए बिलासपुर जिले के गांव सेऊ के 19 जैक राइफलमैन अंकेश भारद्वाज (22) की पार्थिव देह रविवार को उनके पैतृक गांव पहुंचते ही पूरे गांव में अंकेश अमर रहे के नारे लगने लगे।
यहां उनका स्वागत उनके पिता बांचा राम, कैबिनेट मंत्री राजेंद्र गर्ग के साथ-साथ सैंकड़ों क्षेत्रवासियों ने नम आंखों से किया। बांचा राम इस दौरान कोट, पेंट, टाई और सिर पर टोपी लगाए हुए थे।
पार्थिव शरीर आते ही वहां शहीद अंकेश भारद्वाज अमर रहे के नारे लगने लगे। शहीद अंकेश के सम्मान में 300 फिट तिरंगा यात्रा दधोल से शुरू की गई।
इसके अलावा युवाओं ने बाइक रैली निकालकर शहीद को श्रद्धांजलि दी। बिलासपुर जिले में प्रवेश करते ही शहीद की वीर देह के सम्मान में सैंकड़ों लोगों ने उन्हें नमन किया।
युवाओं समेत महिलाओं और बुजुर्गों ने पुष्पवर्षा से शहीद का स्वागत किया। खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री राजेंद्र गर्ग के साथ मौके पर एसडीएम राजीव ठाकुर, डीएसपी अनिल सहित अन्य अधिकारी भी नम आंखों के साथ मौजूद रहे।
गौरतलब है कि शहीद अंकेश के पिता बांचा राम खुद सेना में रहे हैं। शहीद के पिता कहते हैं कि भारत मां की सेवा करते हुए मेरा लाल शहीद हुआ है। उसके जाने का दुख तो है लेकिन बलिदान पर गर्व है।
बांचा राम ने बताया कि उनका बेटा एक खिलाड़ी था। ऐसे में अगर प्रशासन व सरकार कोई स्टेडियम बनाकर उसका नाम अंकेश भारद्वाज के नाम पर रखे तो यह उनके बेटे के लिए बहुत बड़ी श्रद्धांजलि होगी। शहीद अंकेश भारद्वाज की अंतिम यात्रा के मौके पर प्रशासन व शासन वर्ग उपस्थित रहा।
इस दौरान खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री राजिंद्र गर्ग, जिला उपायुक्त पंकज राय, एसपी बिलासपुर साजु राम राणा, उपमंडल अधिकारी राजीव ठाकुर, डीएसपी अनिल ठाकुर, एसएचओ रजनीश ठाकुर, राजेश धर्माणी, नवनीत शर्मा, तहसीलदार गोपाल शर्मा, राकेश चोपड़ा मौजूद रहे। Ankesh Last Journey
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