India News (इंडिया न्यूज़), Aut tunnel, Himachal: भारी बरसात ने जहां भारी तबाही मचाई हुई। वहीं चंडीगढ़-मनाली एनएच की तीन किलामीटर औट टनल में भी पानी का बहुत अधिक रिसाव हो रहा है। हैरानी की बात यह है कि एनएचआई और प्रशासन की तरफ से अब लोगों की सुरक्षा को देखते हुए यहां पर कोई उचित कदम नहीं उठाया गया है। ऐसे में पानी का रिसाव होने से टनल से गुजरने वाले रोजाना हजारों लोगों और वाहन चालकों को हर समय सुरक्षा की चिंता लगी रहती है। आलम यह है कि टनल में कई जगहों पर पानी बारिश की तरह ही गिर रहा है। कई स्थानों पर पानी एकत्रित होने से चालकों को दिक्कत हो रही हैं।
सुरंग में पानी का रिसाव होने हर जगह कीचड़ ही कीचड़ जमा हो गया है। इससे भी लोगों को खासी दिक्कत हो रही है। बाढ़ के कारण औट से लारजी और थलौट जाने वाले सभी वैकल्पिक मार्ग बंद हो गए हैं। ऐसे में पैदल चलने वाले लोगों के पास भी यही एक विकल्प है। लोग जान जोखिम में डालकर सफर करने के लिए मजबूर हैं। औट पंचायत के उपप्रधान ने श्याम वैद्य ने बताया कहा कि सुरंग में जगह-जगह रिसाव हो रहा है। एनएचएआई को इस मार्ग पर इस टनल के सामरिक मूल्य को नजर में रखते हुए इसका जल्द ही कोई समाधान खोजे नहीं तो इससे बहुत सी जिंदगियां प्रभावित होगी।
लोगों का कहना है कि टनल में पानी का इतना अधिक रिसाव देखकर डर लग रहा है। उन्होंने सरकार और प्रशासन से सुरंग में सुरक्षा की दृष्टि से उचित कदम उठाने को कहा। इस बारे मेें उपायुक्त अरिंदम चौधरी ने कहा कि टनल में रिसाव की जानकारी मिली है। हमने इंजीनियरों को यह दिखाया है। बरसात में सुरंगों में रिसाव होता है। इसमें डरने जैसी या चिंता की कोई बात नहीं है।
सेवा मेडल द्वारा सम्मानित कारगिल के हीरो ब्रिगेडियर खुशाल का कहना है कि चंडिगढ़-मनाली एनएच पर थलौट से हानोगी तक यदि टलनें न बनी होती तो हाइवे को बहाल करने का कार्य महीनों तक भी पूरा नहीं हो पाता। हांलही में ब्यास नदी में आई बाढ़ के कारण बहुत तबाही हो चुकी है। फोरलेन का भी अधिकतर हिस्सा बाढ़ की भेंट चढ़ गया है। थलौट के झलोगी से लेकर हनोगी तक तो पुराने मार्ग का कई स्थानों पर अस्तित्व ही खत्म हो गया है।