डिप्टी डायरेक्टर आयुष कांगड़ा डाॅ॑ राजेश नरियाल ने कहा कि मीडिया और न्यूज पेपर में जो न्यूज चली थी उसका संज्ञान लेते हुए सब डिविजनल आयुर्वैदिक अधिकारी तनुजा नागपाल और मै डिप्टी डायरेक्टर आयुष कांगड़ा धर्मशाला से ने संज्ञान लिया ।हमने सुना था कि गांववासियों द्वारा 15 दिनों का अल्टीमेटम दिया और नारेबाजी हुई थी अस्पताल प्रांगण में हम उसे जानने आए हैं कि क्या हुआ था आज यहां ग्रामीणों से , वरिष्ठ नागरिकों के साथ स्थानीय निवासियों के साथ तथा स्टाफ के साथ विस्तृत चर्चा की गई है इसमें कुछ एक चीजें निकल कर आई है कि कुछ मुद्दों पर असहमति गांव के स्थानीय नागरिकों ने जताई है और इनका अपना मानना है कि यहां पर 24 घंटे डाक्टर मिलना चाहिए इमरजेंसी रात को किसी ना किसी डाक्टर की ड्यूटी होनी चाहिए उसके लिए मैंने यहां अस्पताल इंचार्ज डा सी पी अरुण के साथ बातचीत में यह तह कर दिया है कि यहां 24 घंटे सर्विस मिलेगी तथा रात को एक डाक्टर अस्पताल में रहेगा और वाकी स्टाफ तो यहां रहता ही है मैडिसन , इमरजेंसी मैडिसन का 24 घंटों प्रबन्ध करने को कहा गया है जो ग्रामीणों की बड़ी समास्या है उसका हल हो गया है
पंचायत प्रधान सुनील कुमार लब्लू ने कहा कि हमने यहां मांग उठाई थी कि हमारे यहां 24 घंटे डाक्टर नहीं थे नौ से चार बजे तक ओपीडी चलती थी आज इस विषय को लेकर डिप्टी डायरेक्टर आयुष कांगड़ा के साथ विस्तृत चर्चा हुई है चर्चा के दौरान हमारी लगभग सारी समास्याएं हल कर दी है इसके लिए हम सब गांववासी डिप्टी डायरेक्टर आयुष और सब-डिवीजन आयुर्वैदिक अधिकारी का धन्यवाद करते हैं इससे हमारा अस्पताल अब सुचारु ढंग से चले गया ।
पंचायत उपप्रधान नरेश शर्मा ने कहा कि यह गांव की बात नहीं है यह सारे क्षेत्र की समास्या है लगभग तीस हजार लोगों इस अस्पताल से जुड़े हुए हैं जो यहां धरना प्रदर्शन हुआ था क्योंकि कोई मरीज रात को आया था तो यहां डाक्टर नहीं था इसलिए आज यहां डिप्टी डायरेक्टर आयुष कांगड़ा व सब डिविजनल आयुर्वैदिक अधिकारी आए हैं उन्होंने देखा और समझा कि यह यहां की बड़ी समास्या है तो उन्होंने इस समास्या का हल निकाल दिया है इसलिए हम और सब गांववासी इन अधिकारियों का धन्यवाद करते हैं और अब कोई भी यहां सुविधा से बचित नहीं रहेगा ।
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