इंडिया न्यूज़, मंडी
हिमाचली प्रवासी ग्लोबल एसोसिएशन (HPGA) के अध्यक्ष भाग्य चंदर (HPGA President Bhagya Chander) का 26 अप्रैल 2022 को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मंडी (Indian Institute of Technology Mandi)आगमन हुआ। संस्थान का सपना प्रौद्योगिकी प्रयास और अनुसंधान के बल पर स्थानीय और वैश्विक हिमाचली समाज को सेवा देना है। इस लक्ष्य से संस्थान विभिन्न माध्यमों पर विमर्श करेगा जिन से विदेशों में बसे हिमाचली एनआरआई (Himachali NRI) योगदान दे सकते हैं।
हिमाचली प्रवासी ग्लोबल एसोसिएशन विदेशों में बसे हिमाचलियों का सबसे बड़ा नेटवर्क है जो पूरी दुनिया में बसे हिमाचली भारतीयों की सेवा करता है और उन्हें आपस में जोड़ कर रखता है। संस्थान में आयोजित बैठक के दौरान खास कर भारतीय ज्ञान प्रणाली और मस्तिष्क कल्याण के लिए एक रिट्रीट सेंटर बनाने पर भी चर्चा हुई।
‘‘भाग्य चंदर के दौरे पर हिमाचली प्रवासी ग्लोबल एसोसिएशन से जुड़ने की हमें खुशी है। आईआईटी मंडी (IIT Mandi) का भी हिमाचली प्रवासी ग्लोबल एसोसिएशन का यह सपना है कि हिमाचल क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास में योगदान दे। हिमाचल प्रदेश के प्रवासी भारतीयों के साथ इस तरह के सहयोग से हमारा सपना पूरा करने के लिए जरूरी सार्थक चर्चा और कार्यक्रम शुरू हो पाएंगे।’’- प्रो. लक्ष्मीधर बहेरा, आईआईटी मंडी
“आईआईटी पहुंच कर संस्थान के निदेशक डॉ0 लक्ष्मीधर बेहरा, प्रो0 वरुण दत्त, प्रो0 चयन नंदी और फैकल्टी के अन्य सदस्यों से मिलकर बहुत खुशी हुई। आईआईटी मंडी आईटी, बायोटेक और अन्य कई क्षेत्रों में शोध-आविष्कार में गंभीरता से संलग्न है जो देख कर हमें बहुत खुशी हुई है। भूस्खलन अलार्म सिस्टम जैसे रिसर्च प्रोेजक्ट, बॉटनिकल गार्डन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में संज्ञानात्मक मान्यता, हिमाचल पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए वीआर पद्धति, साइबर सुरक्षा खतरे, सूक्ष्म जीव विज्ञान पर शोध आदि देखना और अनुभव करना वास्तव में बहुत अच्छा लगाा।
एचपीजीए के मिशन का मुख्य लक्ष्य हिमाचल प्रदेश के सामाजिक-आर्थिक विकास के में योगदान देना है। आईआईटी मंडी परिसर आने के बाद मुझे यह विश्वास हो गया है कि हम मिल कर अधिक प्रभावशाली ढंग से साझा लक्ष्य प्राप्त करने के लिए बहुत कुछ कर सकते हैं।’’- भाग्य चंदर, हिमाचली प्रवासी ग्लोबल एसोसिएशन (एचपीजीए) के अध्यक्ष।
एचपीजीए, आईआईटी मंडी और हिमाचल प्रदेश सरकार के बीच इससे पहले 9 अप्रैल 2022 को आयोजित बैठक में विभिन्न माध्यमों पर विमर्श किया गया, जिनके जरिये एचपीजीए, आईआईटी मंडी की दूरदृष्टि और स्थानीय लोगों के सपने सच करने में योगदान दे सकता है। इस बैठक में भाग्य चंदर के अलावा एचपीजीए के फेलो मेंबर अरुण चैहान और डॉ0 सुशील शर्मा (एचपीजीए) आर एन बता (मुख्यमंत्री, हिमाचल प्रदेश के सलाहकार), आईआईटी मंडी के निदेशक और संस्थान के फैकल्टी उपस्थित थे।
उन्होने संस्थान के परिसर में कई शोध केंद्र देखने गए और छात्रों और शोधकर्ताओं से बात की। इनमें शामिल हैं मानस लैब, एप्लाइड कॉग्निटिव साइंस लैब, एडवांस्ड रिसर्च मैटेरियल्स सेंटर, सी4डीएफईडी और बायोएक्स सेंटर।इस अवसर पर चंदर प्रो. लक्ष्मीधर बेहरा, निदेशक, आईआईटी मंडी, प्रो. चयन के नंदी, डीन, रिसोर्स जेनरेशन एवं एलुमनी रिलेशंस, प्रो. वरुण दत्त, एसोसिएट डीन, रिसोर्स जेनरेशन एवं एलुमनी रिलेशंस, प्रो. श्याम के. मसकपल्ली, एसोसिएट प्रोफेसर; प्रो. अर्णव भावसर, एसोसिएट प्रोफेसर; और प्रो. सतिंदर के. शर्मा, डीन, फैकल्टी आईआईटी मंडी से मिले।
चंदर का यह दौरा पहली बार एचपीजीए से संबंध स्थापित करने का आईआईटी मंडी के लिए बड़ा अवसर साबित हुआ। दोनों संस्थानों का यही अथक प्रयास रहा है कि हिमाचल प्रदेश के सामाजिक-आर्थिक विकास में सकारात्मक योगदान दें।