इंडिया न्यूज, हमीरपुर, (BJP High Command Troubled By Factionalism) : गुटबाजी से परेशान भाजपा हाईकमान ने लंच डिनर के बहाने डैमेज कंट्रोल को लेकर कवायद शुरू कर दी है। गौरतलब है कि हिमाचल के जिला हमीरपुर और भोरंज विधानसभा क्षेत्रों में सिटिंग विधायकों की मौजूदगी में भाजपा में जारी भीतरी घमासान से आला नेताओं के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है।
यहां गुटों में बंटे नेता लगातार चुनौती पेश कर रहे हैं। इस समस्या के समाधान के लिए आला कमान ने लंच डिनर के बहाने ‘डैमेज कंट्रोल’ की कवायद शुरू की है। इसके तहत हिमाचल के प्रभारी अविनाश राय खन्ना पुराने कार्यकर्ताओं से मिलकर फीडबैक ले रहे हैं। लेकिन पार्टी के लिए यहां का माहौल काफी खराब हो गया है।
हमीरपुर में टिकट पाने के लिए नेता एक दूसरे को चुनौती दे रहे है। इसीलिए आलाकमान यहां के माहौल को लेकर दुविधा में है। इससे निजात पाने के लिए अलाकमान फीडबैक लेना शुरू कर दिया है। आलाकमान का यह अंदाज कितना असरदार साबित होगा? इस पर नेताओं की नजर है।
गत 2 दिनों से हिमाचल के प्रभारी वरिष्ठ उन कार्यकर्ताओं से मिल रहे हैं, जो यहां के संगठन के लिए कभी काफी अहम रहे हैं। अलाकमान के लोग उनके घर पहुंच कर समूह में इकट्ठे होकर एक दूसरे की राय लेकर न केवल डैमेज कंट्रोल की दिशा में काम कर रहे हैं। बल्कि यह भी पता लगा रही है कि उलट फेर की कितनी गुंजाइश है? इस पर भी चर्चा की जा रही है।
हमीरपुर में विधायक नरेंद्र ठाकुर के खिलाफ पार्टी के दूसरे धड़े का माहौल जिस तरीके से पैनापन दिखाने में सफल हो रहा है। उससे यही लगता है उनकी भाभी और पूर्व संसदीय सचिव उर्मिल ठाकुर की घर वापसी के बाद इसमें कोई फर्क नहीं आया है।
लेकिन यह पूरा सच नहीं है। वहीं उर्मिल भी घर वापसी के बाद अच्छी खासी सक्रिय हो गई हैं। वरिष्ठ नेताओं के साथ तालमेल बैठाने में वह कोई कसर नहीं छोड़ रही है। विधायक के कार्यक्रमों में भी उनकी मौजूदगी हो रही है। घर वापसी के बाद बड़े नेताओं के साथ मिलना जुलना आखिर आने वाले विधानसभा चुनावों के माहौल के लिए कितना कारगर होगा इसकी चर्चा हो रही है।
हिमाचल के प्रभारी अविनाश राय खन्ना गत 2 दिनों से लगातार लंच और डिनर आयोजित कर पुराने वर्करों से मिल रहे हैं। उन्होंने इसे लेकर गतदिन भी इस तरह के कार्यक्रम आयोजित किए। नगर परिषद के नए और पुराने नुमाइंदों के साथ भी उनकी बातचीत हुई। पूर्व जिलाध्यक्ष से भी चर्चा हुई। इसके अलावा पूर्व संसदीय सचिव उर्मिल ठाकुर से भी मिले और ब्रेकफास्ट किया।
भोरंज विधानसभा क्षेत्र में अनिल धीमान के अलावा कई अन्य नेताओं से बैठकें कर चुके हैं। ताकि उनकी चुनाव लड़ने की भीतरी स्थिति का पता चल सके। लेकिन अब इन अलग-अलग बैठकों का विधानसभा चुनावों की रणनीति पर टिकटों के आवंटन में क्या फर्क पड़ेगा यह आने वाले समय में ही स्पष्ट हो सकेगा।
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