इंडिया न्यूज, शिमला :
Sanjay Chauhan Statement : भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने कहा है कि भाजपा शासित नगर निगम शिमला द्वारा अपने कार्यकाल का पेश किया गया अंतिम बजट भाजपा के ट्रिपल इंजन के 5 वर्ष के कार्यकाल की विफलता को उजागर करता है।
इस बजट से स्पष्ट है कि न तो 5 वर्ष के कार्यकाल में भाजपा कोई नई परियोजना शिमला शहर के लिए ला पाई है और न ही पूर्व नगर निगम द्वारा स्वीकृत व चलाई जा रही परियोजनाओं को पूर्ण कर पाई है।
माकपा के जिला सचिव व नगर निगम शिमला के पूर्व मेयर संजय चौहान ने कहा कि 5 वर्ष के कार्यकाल में भाजपा ने अपने संसाधनों के निजीकरण व जनता पर टैक्स बढ़ाने के अलावा कोई भी कार्य नहीं किया है।
इन 5 वर्षों में कूड़ा उठाने की फीस में 100 प्रतिशत से अधिक, पेयजल की दरों में 70 से 200 प्रतिशत से अधिक, इसके अतिरिक्त अन्य आवश्यक सेवाओं, प्रापर्टी टैक्स व दुकानों के किराए में वृद्धि की गई है।
जनता पर भारी-भरकम टैक्स का बोझ डालने के बावजूद नगर निगम अपनी आय बढ़ाने में पूर्णत: विफल रही है। उन्होंने कहा कि आज यदि इस बजट में देखें तो गत वर्ष की तुलना में आय में स्पष्ट कमी आई है।
इस बजट में गत वर्ष की तुलना में 7,158.13 लाख रुपए की कमी स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि वर्तमान भाजपा की नगर निगम शहर के विकास में पूर्णत: विफल रही है।
उन्होंने कहा कि बजट में स्पष्ट रूप से शहर के विधायक व शहरी विकास मंत्री की कार्यशैली पर भी प्रश्नचिन्ह लगा है। न तो कोई नई परियोजना शहर के लिए ला पाए और न ही अपनी विधायक निधि को शहर के विकास के लिए उचित रूप से इस्तेमाल किया है।
नगर निगम को मात्र 16.50 लाख रुपए ही विधायक निधि से नगर निगम को विकास कार्यों को लिए दिए गए हैं। संजय चौहान ने कहा कि बजट में केवल सीपीएम के नेतृत्व में पूर्व नगर निगम शिमला द्वारा वर्ष 2012 से 2017 तक अपने कार्यकाल में लम्बे संघर्ष के बाद करोड़ों रुपए की जो परियोजनाएं स्वीकृत करवाई थीं, केवल इन्हीं का व्याख्यान किया गया है।
इनमें मुख्यत: 2,906 करोड़ रुपए की स्मार्ट सिटी, 125 मिलियन डालर (950 करोड़ रुपए) की विश्व बैंक की पेयजल व सीवरेज व्यवस्था के जीर्णोद्धार, 243 करोड़ रुपए की अम्रुत, 200 करोड़ रुपए की टूटी कंडी से माल रोड की रोपवे, 66 करोड़ रुपए की शिमला शहर का सौंदर्यीकरण, 33 करोड़ रुपए की शहरी गरीब के लिए आवास, 29 करोड़ रुपए की लागत से टूटू व 10 करोड़ रुपए की लागत से पंथाघाटी व मेहली के लिए सीवरेज प्लांट, 4.5 करोड़ रुपए तहबाजारी के लिए लिफ्ट के पास आजीविका भवन, 4 लेबर होस्टल का निर्माण, दाड़नी के बगीचा में सब्जी मंडी का निर्माण, 5 करोड़ रुपए से कार्ट रोड को चौड़ा करने, आईजीएमसी में पार्किंग व लिफ्ट तथा इसके अतिरिक्त शहर के विभिन्न क्षेत्रों में करोड़ों रुपए की पार्किंग व पार्कों के निर्माण की परियोजनाएं स्वीकृत करवाई गईं व इसका निर्माण आरंभ किया गया था।
चौहान ने कहा कि बजट दस्तावेज में केवल इन्हीं परियोजनाओं को दर्शाया गया है। इससे स्पष्ट है कि पिछले 5 वर्ष के कार्यकाल में नगर निगम कोई भी कार्य विकास नहीं कर पाई है।
संजय चौहान ने कहा कि बजट में किए गए स्मार्ट सिटी व अन्य परियोजनाओं के व्याख्यान से स्पष्ट है कि भाजपा सरकार और भाजपा शासित नगर निगम अपने 5 वर्ष के कार्यकाल में इन परियोजनाओं को गति नहीं दे पाया है।
उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटी परियोजना का अभी तक केवल 7 प्रतिशत (213 करोड़ रुपए) ही खर्च कर पाई है और स्मार्ट सिटी की मूल परियोजना में फेरबदल कर केवल चेहते ठेकेदारों को फायदा देने के लिए सड़कों में डंगे लगाने का ही कार्य किया जा रहा है।
चौहान ने कहा कि सीपीएम आगामी नगर निगम चुनावों में भाजपा के 5 वर्ष के विफल कार्यकाल व इनकी आम जनविरोधी नीतियों व विकास के प्रति नकारात्मक रवैये को जनता के समक्ष उजागर करेगी और जनहित की वैकल्पिक नीतियों के साथ जनता के समक्ष आगामी नगर निगम चुनाव में एक सशक्त विकल्प पेश करेगी। Sanjay Chauhan Statement