इंडिया न्यूज़, शिमला
Cement Companies हिमाचल प्रदेश में सीमेंट के दाम 35 रुपए तक बढ़ने पर कांग्रेस विधायक एवं पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कड़ी आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि यह जनता पर जुल्म है। सरकार से सस्ती जमीन, रियायती बिजली व अन्य सुविधाएं लेने के बावजूद सीमेंट कंपनियां मनमानी पर उतारू हैं।
ऐसे में बेलगाम हो चुकी कंपनियों पर कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए, लेकिन सरकार चैन की नींद सोई हुई है और जनता महंगाई की चक्की में पिस रही है। सुक्खू ने कहा कि सीमेंट कंपनियां शुरू से ही सरकार के नियंत्रण से बाहर रही हैं। प्रदेश में इनके लिए कड़े नियम व शर्तें रखनी चाहिए, ताकि बिना सरकार की मर्जी के ये दाम न बढ़ा सकें।
उन्होंने कहा कि सीमेंट बनाने के लिए उद्योगों में खनिज संपदा भी प्रदेश की ही इस्तेमाल की जा रही है, उसके बावजूद जनता पर बोझ डालना उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि एसीसी, अंबुजा व अल्ट्राटेक सीमेंट के दाम में जिलानुसार 30 से 35 रुपए एकाएक बढ़ाए गए हैं। इससे लोगों के गृह निर्माण व अन्य विकास कार्यों के खर्च में भारी वृद्धि होगी। यह लोगों की जेब पर सीमेंट कंपनियों का एक तरह से डाका ही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में स्थापित सीमेंट उद्योग यहां के लोगों को महंगा सीमेंट दे रहे हैं, जबकि पड़ोसी राज्यों हरियाणा व पंजाब में रेट कम हैं। यह हिमाचल की भोली-भाली जनता के साथ सीधा-सीधा भेदभाव है।(Cement Companies)
सुक्खू ने कहा कि भाजपा सरकार सत्ता की गहरी नींद से जागकर प्रदेशवासियों की सुध ले। उन्होंने कहा कि लोग आसमान छूती महंगाई और सीमेंट के दाम बढ़ने से त्राहिमाम-त्राहिमाम कर रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से
आग्रह किया कि वह हस्तक्षेप कर सीमेंट के बढ़े दामों को वापस कराएं। साथ ही सीमेंट के दामों में वृद्धि को लेकर पूर्व में निदेशक, उद्योग की अध्यक्षता में गठित समिति की रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए।
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