India News (इंडिया न्यूज़), Chandigarh: चंडीगढ़ में चुनाव मामले को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की गई। चीफ जस्टिस डिवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई में तीन जजों द्वारा मामले को सुना गया। चीफ जस्टिस द्वारा प्रिजाइडिंग ऑफिसर का वो वीडियो देखा गया जिसमें वह वोटों को कथित रूप से रद्द कर रहे थे। CJI का कहना है कि यह लोकतंत्र का मजाक है। जो कुछ भी हुआ उससे हम बस स्तब्ध है। CJI द्वारा कहा गया कि उनके द्वारा इस तरह लोकतंत्र की हत्या करने की इजाजत नहीं दी जाएगी। CJI द्वारा चुनाव का पूरा वीडियो पेश करने को कहा गया और इस पर नोटिस भी जारी किया गया।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा चंडीगढ़ मेयर चुनाव को चुनौती देने वाले कुलदीप कुमार की याचिका पर नोटिस जारी करा गया। बता दें कि इस मामले का पूरा रिकॉर्ड पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार के पास शाम 5:00 बजे तक सभी जरूरी दस्तावेजों एवं वीडियो प्रूफ के साथ जमा किया जाएगा।
CJI की अगुवाई वाले बेंच ने बताया, “हम निर्देश देते हैं कि मेयर चंडीगढ़ नगर निगम चुनावों का पूरा रिकॉर्ड हाई कोर्ट रजिस्ट्रार जनरल के पास जब्त कर लिया जाए और मतपत्र, वीडियोग्राफी को भी संरक्षित रखा जाए। रिटर्निंग ऑफिसर को नोटिस दिया गया है कि वह रिकॉर्ड सौंप देंगे।” सोमवार यानी आज सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस मामले की सुनवाई शुरु की गई, जिसके बाद अब 12 फरवरी तक के लिए इसकी सुनवाई स्थगित की गई है।
चीफ जस्टिस का कहना है की ये स्पष्ट है कि उनके द्वारा मतपत्रों से छेड़-छाड़ की गई है। “सीजेआई ने प्रिजाइडिंग ऑफिसर के कैमरे में देखने पर कहा कि वह कैमरे में क्यों देख रहे हैं। उन्होंने वकील को संबोधित करते हुए कहा कि यह लोकतंत्र का का मजाक है। लोकतंत्र की हत्या है, हम आश्चर्यचकित हैं। चीफ जस्टिस ने पूछा कि क्या रिटर्निंग ऑफिस का यही व्यवहार होता है। कृपया रिटर्निंग अधिकारी को बताएं कि एससी उस पर नजर रख रहा है।”
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