India News (इंडिया न्यूज), CM Sukhu, Himachal: सीएम सुखविंद्र सिंह सुक्खू द्वारा सभी उपायुक्तों को मुख्यमंत्री सुखआश्रय योजना के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए 7 नवंबर तक अनाथ बच्चों को समयबद्ध ‘चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट’ प्रमाणपत्र जारी करने के निर्देश दिए गए है। उनका कहना है कि राज्य सरकार की इस महत्त्वाकांक्षी योजना के अंतर्गत प्रदेश के 4000 से अधिक अनाथ बच्चों को सहायता प्रदान की जा रही है। रविवार को सुक्खू ने कहा कि सरकार ने अनाथ बच्चों को ‘चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट’ के रूप में नामित करते हुए उनके लिए कानून बनाया है।
इससे सरकार की उनके अभिभावक के रूप में कानूनी जिम्मेवारी निर्धारित की गई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार अनाथ बच्चों को अभी तक 4.68 करोड़ रुपये के वित्तीय लाभ प्रदान कर चुकी है। योजना के तहत बाल देखभाल संस्थानों में रहने वाले 1,199 बच्चों को लाभान्वित करने के उद्देश्य से 1.12 करोड़ रुपये की राशि हस्तांतरित की गई है। यह राशि जिला बाल संरक्षण अधिकारी के साथ संयुक्त रूप से संचालित आवर्ती जमा यानी आरडी खातों में जमा की गई है।
इसके अंतर्गत 14 वर्ष तक की आयु के बच्चों को 1,000 रुपये प्रतिमाह और 15 से 18 वर्ष के बच्चों को 2,500 प्रति माह राज्य सरकार की ओर से प्रदान किए जाएंगे। इसके अलावा 48 लाभार्थियों को उनकी उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए संस्थागत शुल्क 15.52 लाख रुपये तथा 4,000 रुपये प्रति माह की दर से व्यक्तिगत खर्च के लिए 11.52 लाख रुपए की वित्तीय सहायता प्राप्त कराई गई है।
इसके सिवाय व्यावसायिक प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले 17 लाभार्थियों को पाठ्यक्रम शुल्क मतलब, कोर्स फीस के लिए 7.02 लाख रुपए तथा जेब खर्च के रूप में 4.08 लाख रुपए प्राप्त होंगे। एक पात्र को कौशल विकास पाठ्यक्रम के लिए 17,500 रुपये प्रदान किए गए हैं। इसके अलावा औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में व्यावसायिक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम के अंतर्गत प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले बाल देखभाल केंद्रों के 62 बच्चों को संस्था
न की फीस के रूप में 15.66 लाख रुपये और जेब खर्च के रूप में 14.88 लाख रुपये प्रदान किए गए हैं।
सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार मुख्यमंत्री सुखआश्रय योजना के माध्यम से वंचित बच्चों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। इन बच्चों को घर बनाने के लिए वित्तीय सहायता तीन 3 बिस्वा जमीन दी जा रही है। इसके अतिरिक्त इनके लिए हवाई किराए के साथ तीन सितारा होटलों में रहने की सुविधा के साथ शैक्षणिक भ्रमण प्रायोजित किए गया है।
अब तक 3 लाभार्थियों को अपना व्यवसाय शुरू करने के लिए 6 लाख रुपए दिे जा चुके है। अपने रिश्तेदारों के साथ रहने वाले 1106 बच्चों को उनकी शिक्षा, पोषण एवं स्वास्थ्य आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए 2.65 करोड़ रुपये हस्तांतरित किए गए हैं।
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